गरीबी को कम करने में भारत के प्रयास को विश्व बैंक ने सराहा
नई दिल्ली। भारत में गरीबी एक बड़ी समस्या है, लेकिन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1990 से देश की गरीबी में काफी हद तक सुधार हुआ है और गरीबी दर अब आधी रह गई है। पिछले वर्ष की बात करतें तो भारत ने 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से आर्थिक वृद्धि की थी। मंगलवार को विश्वबैंक की ओर से भारत के सार्थक प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा गया है कि भारत में गरीबी कम हुई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठक से पहले विश्वबैंक की ओर से कहा गयाहै कि भारत में गरीबी को दूर करने के लिए काफी अहम कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा पर्यावरण में बदलाव के अहम मुद्दों पर भी भारत ने दुनिया के अगुवा के तौर पर काम किया है।
1990
से
अबतक
गरीबी
आधी
हुई
विश्वबैंक
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
पिछले
15
वर्षों
में
भारत
ने
7
प्रतिशत
से
अधिक
की
आर्थिक
वृद्धि
हासिल
की
है
और
1990
के
बाद
गरीबी
को
आधा
कर
दिया
गया
है।
यही
नहीं
भारत
ने
तमाम
मानव
सूचकांकों
में
भी
बेहतर
प्रदर्शन
किया
है।
भारत
की
वृद्धि
रफ्तार
को
देखते
हुए
कहा
जा
सकता
है
कि
अगले
एक
दशक
में
भारत
में
अति
गरीबी
को
पूरी
तरह
से
खत्म
किया
जा
सकता
है।
हालांकि
विश्वबैंक
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
उसे
अपने
संसाधनों
को
बेहतर
बनाना
होगा।
भारत
को
कृषि
उत्पादन
को
बढ़ाना
होगा,
इसके
लिए
जमीन
का
बेहतर
इस्तेमाल
की
जरूरत
है।
विश्वबैंक
ने
दिया
सुझाव
भारत
को
अति
गरीबी
से
बाहर
निकालने
के
लिए
विश्वबैंक
ने
कुछ
सुझाव
भी
दिए
हैं।
विश्वबैंक
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
बेहतर
जल
प्रबंधन
के
माध्यम
से
अधिक
मूल्यवर्धन
किया
जा
सकता
है।
इसके
अलावा
पानी
के
इस्तेमाल
की
कीमत
को
भी
बढ़ाने
की
जरूरत
है।
साथ
ही
भारत
को
कार्बन
उत्सर्जन
वाले
विद्युत
उत्पादन
को
भी
बढ़ाने
की
जरूरत
है।
विश्वबैंक
की
ओर
से
कहा
गया
है
2030
तक
भारत
की
जीडीपी
8.8
फीसदी
तक
पहुंच
जाएगी,
यानि
भारत
को
243
अरब
डॉलर
के
निवेश
की
भी
जरूरत
होगी।
बेरोजगारी
बड़ी
समस्या
रोजगार
के
क्षेत्र
में
जिस
तरह
से
भारत
पिछड़
रहा
है,
उसपर
भी
विश्वबैंक
की
ओर
से
अहम
टिप्पणी
की
गई
है।
विश्वबैंक
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
हर
वर्ष
1.30
करोड़
लोग
रोजगार
पाने
के
लिए
योग्य
हो
जाते
हैं,
लेकिन
रोजगार
सृजन
सिर्फ
30
लाख
ही
हो
पा
रहा
है।
भारत
के
सामने
जो
सबसे
बड़ी
चुनौती
है
वह
यह
कि
महिला
कामगार
कम
हो
रही
हैं।
भारत
में
महिलाओं
की
श्रमबल
में
कुल
भागीदारी
महज
27
फीसदी
है,
जोकि
दुनिया
में
सबसे
कम
है।