सोनू सूद को मजदूरों ने जताया आभार तो ऐक्टर ने कहा.....बोला था ना कल मां के हाथ का खाना खाओगे
नई दिल्ली- बॉलीवुड के अभिनेता सोनू सूद अपने व्यवहार की वजह से प्रवासी मजदूरों और कामगारों में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो चुके हैं। उन्होंने प्रवासियों को अपने गांवों और राज्यों तक भेजने की हर मुकम्मल मदद की कोशिश की है। लेकिन, उनकी एक बात जो प्रवासियों के दिल को सबसे ज्यादा छू रही है वो है उनका बर्ताव। जब उन्हें मुश्किल में फंसे लोग वापस निकलने का इंतजाम होने पर उनके प्रति आभार भी जताते हैं तो वे बहुत ही शालीनता से उनकी सुखद यात्रा की कामना करते हैं और कुछ न कुछ ऐसा करते हैं, जिससे उनके फिल्मी फैंस से ज्यादा ये प्रवासी उनके हमेशा-हमेशा के लिए मुरीद बनते जा रहे हैं। ऐसा ही हुआ, जब बिहार जाने के इंतजाम को लेकर परेशान रहे व्यक्तियों ने जब बस में बैठने के बाद उन्हें ट्विटर पर इसकी जानकारी देकर शुक्रिया कहा तो सोनू सूद ने जवाब दिया कि कहा था ना कि कल घर पर मां के हाथ का खाना खाओगे।
प्रवासी मजदूरों के लिए असली हीरो के किरदार में सोनू सूद
मुंबई और महाराष्ट्र में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए बॉलीवुड अभिनेता आजकल असल जिंदगी के हीरो बन चुके हैं। जिन लोगों की भी अब तक उन्होंने उनके गांव या राज्य जाने में मदद की है और जो लोग भी इसके लिए कतार में खड़े हैं और उनकी दरियादिली के बारे में सुन रहे हैं, वही उनके दिवाने होते जा रहे हैं। सच्चाई भी यही है कि इस अभिनेता ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन के इस भीषण संकट में जरूरतमंदों की भरपूर सहायता करने की कोशिश की है। सबसे बड़ी बात ये है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए मुंबई और महाराष्ट्र के पुलिस थानों का चक्कर काटने के बाद जब कोई थका-हारा मजदूर किसी के बताने पर ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर उनसे संपर्क करता है तो मानिए जैसे सूद उसकी मदद के इंताजर में भी बैठे रहते हैं। वे फौरन इंतजाम करने का भरोसा ही नहीं देते, सीधे कहते हैं बस अपना सामान पैक करो और कॉल आने का इंतजार करो।
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बिहार पहुंच कर सबको सलाम कहना- सोनू सूद
इसी कड़ी में जब मुंबई जैसे कोरोना वायरस के एपिसेंटर में रह रहे बिहार के कुछ ट्विटर यूजर ने उनसे बिहार जाने की मदद मांगी तो सूद ने उन्हें जवाब दिया था दो दिन बाद बिहार में अपने घर में रहोगे अपनी डिटेल भेजो। जब ऐक्टर मनीष2 नाम के एक ट्विटर हैंडल से उन्हें जानकारी दी गई है कि बस निकल चुकी है तो सूद ने जवाब में लिखा- "आपको यात्रा के लिए शुभकामनाएं। बोला था ना कल मां के हाथ का खाना खाओगे। बिहार पहुंच कर सबको सलाम कहना।"
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दो दिन में अपने घर पर होगे- सोनू सूद
मसलन, बीते 22 मई को सूद के पास कई ट्वीट आए जिसमें अपनी परेशानी बताते हुए यूजर ने उनसे सहायता मांगी थी। एक यूजर ने लिखा था, "भाई हमलोग 16 दिनों से पुलिस चौकी के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हम लोगों का काम नहीं हो रहा। हम लोग धारावी में रहते हैं, बिहार जाना है।" इसपर सूद ने फौरन जवाब भेजा, "भई चक्कर लगाना बंद करो और रिलैक्स करो। दो दिन में बिहार में अपने घर का पानी पियोगे। डिटेल्स भेजो।"
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'मां-बाप से मिलने का समय आ गया है मेरे दोस्त'
बिहार के ही टिंकू नाम के एक यूजर ने उनको लिखा था, "सर हम लोग भी मुंबई में फंसे हैं। बिहार जाना है। पुलिस चौकी में फॉर्म भरा है, अभी तक कॉल नहीं आया।" इसके जवाब में सूद ने ट्विटर पर लिखा, "टिंकू भाई, आप अपना डिटेल्स भेजा....मां-बाप से मिलने का समय आ गया है मेरे दोस्त।" बता दें कि सोनू सूद प्रवासी मजदूरों और कामगारों को उनके गांव भेजने में ही मदद नहीं कर रहे, वह कोविड-19 की फ्रंटलाइन ड्यूटी में तैनात स्वास्थकर्मियों के ठहरने के लिए अपना मुंबई के जुहू स्थित 6 मंजिला होटल भी खोल चुके हैं। यही नहीं लॉकडाउन के शुरुआती दौर में उन्होंने रोजाना 45 हजार जरूरतमंदों को खाने का भी इंतजाम करवाया था।
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