प्रचंड जीत के बाद बोले मोहन भागवत-राम का काम करना है, राम का काम होकर रहेगा
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नई दिल्ली। आरएसएस ( RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने अपने राजस्थान के दौरे पर एक बड़ा बयान दिया है, राम मंदिर पर पूछे गए सवाल के जवाब में भागवत ने साफ लफ्जों में कहा कि राम का काम करना है तो राम का काम हो कर रहेगा, भागवत उदयपुर के बड़गांव इलाके में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां पर उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर के सवाल पर यह बयान दिया।
'राम का काम करना है, राम का काम होकर रहेगा'
सोमवार को कथावाचक मोरारी बापू की मौजूदगी में भागवत ने कहा कि राम का काम करना है, अपना ही काम है, अपना काम हम खुद करेंगे, भारत का महाशक्ति बनना बाकी देशों के महाशक्ति बनने से अलग रहेगा, शक्ति, शक्ति है... उसका उपयोग राम करते हैं तो दूसरी बात है, रावण करता है तो दूसरा मतलब, इतिहास कहता है कि जिस देश के लोग सजग, शीलवान, सक्रिय और बलवान हों, उस देश का भाग्य निरंतर आगे बढ़ता है, हमेशा चर्चा होती है कि भारत विश्वशक्ति बनेगा लेकिन उससे पहले हमारे पास एक डर का एक डंडा अवश्य होना चाहिए क्योंकि विकास के लिए अनुशासन होना बहुत जरूरी है।
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राम मंदिर को लेकर RSS प्रमुख का बड़ा बयान
आपको बता दें कि आरएसएस ( RSS) की ओर लगातार अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बयान जारी किए जाते रहे हैं, वो इससे पहले भी बीजेपी सरकार पर मंदिर को लेकर दवाब बनाती रही है लेकिन भाजपा इस जटिल मसले को कानूनी तौर पर सुलझाना चाहती है, फिलहाल अयोध्या मंदिर का केस सुप्रीम कोर्ट में निलंबित है।
फरवरी में भी भागवत ने की थी राम मंदिर की बात
वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है जब भागवत ने राम मंदिर पर इस तरह का बयान दिया है, इसी साल के फरवरी महीने में लोकसभा चुनाव से पहले मोहन भागवत ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस राम मंदिर निर्माण शुरू कर देना चाहिए केंद्र में जिसकी भी सरकार बने, संघ प्रमुख ने कहा था कि धर्म संसंद के मुताबिक ही राम मंदिर का निर्माण होगा और चुनाव बाद सरकार चाहे जिसकी बने संघ संतों के साथ मिलकर मंदिर का निर्माण शुरू करेगा।
राम मंदिर निर्माण और गो-रक्षा हिंदू संस्कृति की पहचान
भागवत ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण और गो-रक्षा हिंदू संस्कृति की पहचान है और यह काफी अहम है और इस पर तेजी से काम होना चाहिए, भागवत के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल पैदा हो गई थी और आज एक बार फिर से गलियारों में राम मंदिर पर चर्चा शुरू हो गई है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन विदसीय बैठक
यहां आपको बता दें कि मार्च महीने में ग्वालियर में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन विदसीय बैठक हुई थी जिसमें राम मंदिर निर्माण का मार्ग जल्द प्रशस्त किए जाने पर जोर दिया गया था, इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट की पहल से संघ को लगता है कि मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को जल्द दूर किया जा सकेगा और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होगा।
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