अयोध्या पर फैसले के दो दिन बाद मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट पर काम शुरू
नई दिल्ली- अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से ऐतिहासिक फैसला आने के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दें कि सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में मंदिर निर्माण और उसके प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट के गठन का भी निर्देश दिया है, जिसके लिए उसके पास तीन महीने का वक्त है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्रालय में एक्सपर्ट्स की एक टीम 9 नवंबर के फैसले की कानूनी पहलुओं के अध्ययन में जुट चुका है। अदालत ने इस काम के लिए सरकार को तीन महीने का वक्त दिया है।
खबरों के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया केंद्रीय गृहमंत्रालय पहले ही शुरू कर चुका है। जानकारी ये भी मिल रही है कि गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने 1,045 पेज के फैसले का अध्ययन करना भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा गृहमंत्रालय अटॉर्नी जनरल और कानून मंत्रालय से भी कानूनी राय ले रहा है।
बता दें कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद में 70 साल की लंबी कानूनी लड़ाई पर विराम लगा दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने जन्मभूमि की सारी जमीन राम लला को देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आर्टिकल-142 का इस्तेमाल करते हुए सरकार को एक ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी उसे सौंपने के लिए भी कहा है। इसमें अदालत ने निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने का निर्देश दिया है। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए किसी दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया है।
जानकारी ये भी है कि सरकार मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने को लेकर उन तमाम मॉडलों पर विचार कर सकती है, जिसके तहत वर्तमान समय में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रमुख मंदिरों की देखरेख और प्रबंधन का काम हो रहा है।
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