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नरेंद्र मोदी के खिलाफ बिगड़े बोलों ने पिछले एक दशक में बिगाड़ा कांग्रेस का खेल!

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बेगलुरू। भारतीय राजनीति की क्षितिज पर नरेद्र मोदी के उभार का श्रेय कांग्रेस को दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कांग्रेस नेताओं द्वारा दिए गए एक के बाद एक दिए विवादास्पद बयानों के चलते नरेंद्र मोदी आज भारतीय राजनीति के सिरमौर बन चुके हैं और 134 वर्ष पुरानी कांग्रेस पतन की ओर अग्रसर है।

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इस फेहरिस्त में अभी एक नया नाम जुड़ा है कांग्रेसी नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का, जिन्होंने 14 नवंबर यानी बाल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंडित जवाहर लाल नेहरू की तुलना करते हुए कांग्रेस की ताबूत में एक और कील ठोकने की कोशिश की है।

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अशोक गहलोत अपने विवादास्पद बयान में प्रधानमंत्री मोदी और नेहरू की तुलना करते हुए कहते हैं कि कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली। भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की शान में कसीदे पढ़ते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नेहरू 10 सालों तक जेल में रहे और 17 साल प्रधानमंत्री रहे। उनकी वजह से ही आज देश में लोकतंत्र स्थापित हो पाया है। हालांकि कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं का प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ घृणा भाव नया नहीं है, यह वर्ष 2007 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में शुरू हुआ था।

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नरेंद्र मोदी के खिलाफ घृणा भाव वाले राजनीतिक की मशाल को सर्वप्रथम कांग्रेस की मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रज्वलित किया था। वर्ष 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार करने पहुंची सोनिया गांधी ने तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था। सोनिया गांधी के बयानों की खूब आलोचना हुई, जिसका हश्र हुआ कि कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हार गई। कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा नरेंद्र मोदी के खिलाफ जलाई गई नफरत की मशाल अब तक कांग्रेसी नेताओं के हाथ में जल रही है। ताजा मिसाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।

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वर्ष 2007 से प्रधानमंत्री मोदी खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा जलाई गई नफरत की मशाल कांग्रेस का ही घर फूंक चुकी है, लेकिन अभी तक कांग्रेस की मशाल मैराथन जारी है। मौत के सौदागर से प्रज्वलित हुई मशाल की अग्नि को जलाने के लिए वर्ष 2007 से लेकर 2019 के बीच काफी घृणा भाव वाले बयानों ने भूमिका अदा की। इनमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने आहुति उल्लेखनीय है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर ने नरफत की मशाल को प्रज्वलित रखने में बड़ी भूमिका अदा की।

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वर्ष 2014 से 2019 के बीच मणिशंकर अय्यर के बयानों ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान किया। मणिशंकर अय्यर द्वारा बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए चाय की स्टाल लगवाने वाले बयान ने प्रधानमंत्री पद पर पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। नरेंद्र मोदी के खिलाफ मणिशंकर अय्यर के घृणा भाव वाले बयानों की पूरी एक फेहरिस्त है। वर्ष 2013 में अय्यर मोदी को जोकर, सांप और बिच्छू बताते हैं।

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वर्ष 2014 में अय्यर कहते पाए जाते हैं, मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री कभी नहीं बन पाएंगे, लेकिन अगर वो यहां (कांग्रेस अधिवेशन) चाय आकर बेचना चाहते हैं तो हम उन्हें इसके लिए जगह दे सकते हैं। वर्ष 2017 में मणिशंकर अय्यर नरेंद्र मोदी को नीच इंसान बताते है और फिर कश्मीर में हथियार उठाने वाले कश्मीरी युवकों की तरफदारी करते हुए कहते हैं कि भाजपा के लोग उन्हें हथियार उठाने के लिए मजबूर करते हैं।

मणिशंकर अय्यर के बाद कांग्रेस द्वारा प्रज्जवित नफरत की मशाल में आहुति में बड़ा योगदान कांग्रेस पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का है, जिन्होंने पाकिस्ताान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी को खून की दलाली करने वाला बता डाला। फिर उन्होंने नरेंद्र मोदी खिलाफ घृणा भाव का एक नया चैप्टर खोलते हुए हिंदुस्तान के सभी मोदी सरनेम वालों को ही चोर बतला दिया।

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राहुल गांधी नफरत की मशाल की अग्नि में ज्वाला को और भड़काते है जब वह रॉफेल डील पर नरेंद्र मोदी टारगेट करते हुए चौकीदार चोर है कहते हैं। यह अलग बात है कि बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान को चुनावी कैंपेन में शामिल कर लिया। बीजेपी का मैं भी चौकीदार कैंपेन राहुल गांधी के चौकीदार चोर बयान के बाद चलाया गया।

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हालांकि मोदी सरकार के रॉफेल विमान डील जब सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी तो राहुल गांधी के कथित स्कैम स्टंट और चौकीदार चोर बयान की हवा निकल गई। बावजूद इसके राहुल गांधी नहीं रूके और सुप्रीम कोर्ट के मुंह में चौकीदार चोर शब्द ठूंसने की कोशिश की, जिसका खामियाजा उन्हें बाकायदा तीन पन्नों का माफीनामा लिखकर चुकाना पड़ गया।

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प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रज्जवलित नफरत की मशाल की अग्नि को जलाए रखने में एक तरफ जहां राहुल गांधी और मणिशंकर का बड़ा योगदान है, लेकिन इसमें और भी कई नेता शामिल हैं। इनमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर, महाराष्ट्र कांग्रेस नेता संजय निरूपम, कांग्रेस के गुरू मे शुमार सैम पित्रोदा, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष चौधरी अधीर रंजन, वयोवृद्ध कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी, नवजोत सिंह सिद्धू और नए-नए आहुति देने वाले अशोक गहलोत का नाम प्रमुख हैं।

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दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस द्वारा प्रज्जवलित नफरत की मशाल में कांग्रेस का अधिक नुकसान हुआ है, जिसके चलते बीजेपी के कांग्रेस मुक्त अभियान को सफलता मिली है। कांग्रेस के पतन की शुरूआत वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के उक्त बयान से हुई, जिसमें वो नरेंद्र मोदी को कांग्रेस अधिवेशन में चाय का स्टाल देने का वादा करते है।

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अय्यर के इस बयान का मोदी ने खूब फायदा मिला और बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुए और नरेंद्र मोदी 2014 में ही प्रधानमंत्री बने। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने एक फिर चौकीदार चोर है कहकर बीजेपी को चुनावी मदद पहुंचाई और एक फिर बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही और मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री बने।

यह भी पढ़ें- 'चौकीदार चोर है' मामला: राहुल की माफी मंजूर, भविष्य में सावधान रहने की सलाह

सोनिया गांधी ने मोदी का कहा मौत का सौदागर

सोनिया गांधी ने मोदी का कहा मौत का सौदागर

सोनिया गांधी द्वारा 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान की गई इस तरह की टिप्पणी ने भारी राजनीतिक बबाल खड़ा कर दिया था। चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के भय के चलते इस तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया। कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी तीन उपचुनावों में पराजित हुई. इसके बाद उन्होंने गोधरा ट्रेन हादसा और दंगों की इजाजत दे दी. अगर आप उनको मौत का सौदागर नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।

खूनी की दलाली बयान भी कांग्रेस पर पड़ी भारी

खूनी की दलाली बयान भी कांग्रेस पर पड़ी भारी

साल 2016 में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि पीएम मोदी शहीदों के खून की दलाली कर रहे हैं. उनके इस बयान के बाद बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी राहुल गांधी पर हमलावर हो गई थी दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी राहुल गांधी पर जमकर बरसे थे. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस की जमकर आलोचना हुई और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ गठबंधन होने के बावजूद दोनों को मुंह की खानी पड़ी।

शशि थरूर ने मोदी को बताया था शिवलिंग पर बैठा बिच्छू

शशि थरूर ने मोदी को बताया था शिवलिंग पर बैठा बिच्छू

शशि थरूर ने बंगलौर साहित्य सम्मेलन में कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू के समान है। आप उसे अपने हाथ से हटा भी नहीं सकते और न ही चप्पल से मार सकते हैं। इस बयान को लेकर शशि थरूर की काफी आचोलन हुई थी. बीजेपी ने इसे लेकर अपनी कड़ी नाराजगी दर्ज कराई थी। दिल्ली की रॉउज एवेन्यू अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए विवादित बयान के मामले में जमानती वारंट जारी किया था।

संजय निरूपम ने मोदी को बताया अनपढ़-गंवार

संजय निरूपम ने मोदी को बताया अनपढ़-गंवार

संजय निरुपम ने पीएम मोदी को अनपढ़ और गंवार तक बता दिया। दरअसल, निरुपम महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसमें राज्य के स्कूल में प्रधानमंत्री पर बनी फिल्म दिखाने की बात कही गई है। संजय निरुपम ने कहा 'जो बच्चे स्कूल-कॉलेज में पढ़ रहे हैं उनको मोदी जैसे अपनढ़ गंवार के बारे में जानकर क्या मिलने वाला है। पीएम मोदी से स्कूल के बच्चे कुछ नहीं सीख सकते हैं।' संजय निरुपम ने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र है और लोकतंत्र में पीएम भगवान नहीं होता। मैंने कुछ भी अशोभनीय नहीं कहा है।

मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी को कहा था नीच

मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी को कहा था नीच

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम को ‘नीच' कहा था। अय्यर के इस बयान को लेकर चौतरफा आलोचना भी हुई थी। वहीं 2014 में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री कभी नहीं बन पाएंगे, लेकिन अगर वो यहां आकर चाय बेचना चाहते हैं, तो हम उन्हें इसके लिए जगह दिला सकते हैं। अय्यर ने दिसंबर 2013 में नरेंद्र मोदी को जोकर तक बता दिया था। अय्यर ने कहा था कि चार-पांच भाषण देकर उन्होंने बता दिया है कि कितने गंदे-गंदे शब्द उनके मुंह में हैं।

सैम पित्रोदा ने 1984 सिख दंगों पर कहा, 'हो जो हुआ'

सैम पित्रोदा ने 1984 सिख दंगों पर कहा, 'हो जो हुआ'

सैम पित्रोदा ने एक पत्रकार के सवाल पर कहा था कि '1984 में हुआ तो हुआ पिछले पांच साल में क्या हुआ इस पर बात करिए। पित्रोदा के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। भाजपा के नेताओं ने इस बयान को हाथों-हाथ लपक लिया। अपनी चुनावी रैलियों में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साध रहे मोदी ने इस बार पित्रौदा के इस बयान को गांधी परिवार पर निशाना साधने की वजह बना लिया। एक रैली में उन्होंने कहा, ''कांग्रेस के नेता ने 1984 के दंगों पर कहा कि जो हुआ तो हुआ, क्या आपको पता है ये कांग्रेसी नेता कौन हैं, यह गांधी परिवार के करीबी नेता हैं, इनका गांधी परिवार के साथ उठना-बैठना है. ये नेता गांधी परिवार के सबसे बड़े राज़दार हैं, राजीव गांधी के बहुत अच्छे दोस्त और आज कांग्रेस के नामदार अध्यक्ष के गुरु हैं।

मोदी सरनेम को चोर कह कर बुरे फंसे थे राहुल गांधी

मोदी सरनेम को चोर कह कर बुरे फंसे थे राहुल गांधी

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल में कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर राफेल विमान डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा था, 'मेरा एक सवाल है, सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता' है, चाहे वह नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी? हम यह नहीं जानते की और ऐसे कितने मोदी निकलकर सामने आएंगे। मोदी उपनाम को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होना। उनके आपत्तिजनक बयान के लिए उनके खिलाफ सूरत न्यायालय में वाद दायर किया गया था।

गंदी नाली का कीड़ा बयान पर कांग्रेस को मांगनी पड़ी माफी

गंदी नाली का कीड़ा बयान पर कांग्रेस को मांगनी पड़ी माफी

दरअसल, लोकसभा में बीजेपी सांसद और मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने कहा था कि अटल जी ने इंदिरा की तारीफ की थी तो कांग्रेस को मोदी से क्या परेशानी है। इसके जवाब में उनके बाद बोलने आए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी का अपमान करते हुए कहा कि - कहाँ माँ गंगा और कहाँ गन्दी नाली का कीड़ा, इसकी तुलना नहीं की जा सकती है।

केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है' बयान पर फजीहत

केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है' बयान पर फजीहत

गुजरात में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में पीछे नहीं है। मोढवाडिया ने एक चुनावी रैली में कहा कि केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है। बता दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम ने कहा था कि उनके जैसे 56 इंच सीने वाला व्यक्ति ही बड़े निर्णय ले सकता है।

'पुलवामा हमला' सोची-समझी साजिश बयान पर मिली मात

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कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यपाल अजीज कुरैशी ने पुलवामा हमले में हुए 42 जवानों की हत्या को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की और विवादित बयान में कहा कि बीजेपी ने पुलवामा हमला प्लान करके करवाया है ताकि सत्ता में बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने मौका मिल सके, लेकिन जनता सब जानती है। अगर नरेंद्र मोदी चाहें कि 42 जवानों की हत्या करके, उनकी चिताओं की राख से अपना राजतिलक कर लेंगे तो जनता ऐसा नहीं करने देगी'।

ऐसा छक्का मारो कि मोदी हिन्दुस्तान के बाहर जाकर मरे

ऐसा छक्का मारो कि मोदी हिन्दुस्तान के बाहर जाकर मरे

विवादित बयानों की फेहरिस्त में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का एक और बयान शामिल हो गया है. भोपाल में कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर रहे सिद्धू ने कहा कि ऐसा छक्का मारो कि मोदी हिन्दुस्तान के बाहर जाकर मरे। इससे पहले सिद्धू ने भोपाल में कहा कि मच्छर को कपड़े पहनाना, हाथी को गोद में झुलाना और तुमसे सच बुलवाना असंभव है नरेंद्र मोदी। सिद्धू ने बिहार के कटिहार में नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए मुसलमानों से एकजुट होकर वोट करने की अपील की थी।

चौकीदार चोर है बयान को लेकर राहुल गांधी ने मांगी माफी

चौकीदार चोर है बयान को लेकर राहुल गांधी ने मांगी माफी

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पेश हुए दस्तावेजों की सत्यता स्वीकार की थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चौकीदार ही चोर है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राफेल मामले में कोई न कोई भ्रष्टाचार जरूर हुआ है। चौकीदार चोर है बयान को लेकर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में खेद जताया है। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल की गर्मी के बीच ऐसा बयान निकल गया। कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राहुल ने कहा, "मेरा इरादा कोर्ट के आदेश को गलत प्रस्तुत करने का नहीं था

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English summary
Hate speech to Congress leaders began during the Gujarat assembly elections in 2007, when Congress President Sonia, in her election speech, called Gujarat CM Narendra Modi a Maut ka Saudagar, meaning merchant of murder. After that many Congress leaders like Rahul Gandhi and Mani Shankar Aiyar joined this campaign.
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