दहेज मांगने पर एल्बा ने शादी से किया था इनकार, अब बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर
नई दिल्ली। हौसला अगर मजबूत हो तो जिंदगी की हर मुश्किलें आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही जज्बा नजर आता है हल्द्वानी तल्ली बमौरी निवासी एल्बा मंड्रेले में। 2017 में जब विवाह तय हुआ तो ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग रख दी। जीवन संघर्ष से जूझते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। घर वालों ने शादी देखी तो लड़के वाले दहेज मांगने लगे तब एल्बा ने शादी करने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने वह कर दिखाया, जिससे उन पर सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि शहर के लोग भी नाज करते हैं।
दहेज की वजह से शादी करने से इनकार करने वाली एल्बा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की वर्ष 2019 की असिस्टेंट प्रोफसर की परीक्षा में प्रदेश में टॉप किया है। फिलहाल वो पं. बद्री दत्त पांडे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बागेश्वर में तैनात हैं। एल्बा कहती है कि जिदंगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए। कभी-कभी हार ऐसा रास्ता दिखा देती है जो जीत की ओर जाता है। एल्बा ने बातया कि दस साल तक वो सरकारी और गैर सकारी संस्थाओं में नौकरी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई की। एल्बा ने कहा कि वो अपने वेतन का आधे से ज्यादा हिस्सा जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च करती हैं। उनकी जिंदगी में उनकी मां ही सबसे बड़ा प्रेरणा रही हैं।
भाई
की
पढ़ाई
के
लिए
बहन
ने
नहीं
की
शादी
जिस
तरह
से
एल्ब
अपने
शहर
के
लिए
प्रेरणादायक
है
उसी
तरह
से
डॉ.
ऊषा
डोगरा
उन
शख्सियतों
में
हैं,
जिन्होंने
संघर्ष
और
अपनी
प्रतिभा
के
बल
पर
न
सिर्फ
ऊंचा
मुकाम
हासिल
किया
है।
उन्होंने
भाई
की
पढ़ाई
और
परिवार
की
जिम्मेदारी
उठाने
के
लिए
खुद
विवाह
भी
नहीं
किया।
उत्तराखंड
के
रानीखेत
डोगरा
एस्टेट
में
रहने
वाली
डॉ
उषा
फिलहाल
राजकीय
महाविद्यालय
भतरौजखान
अल्मोड़ा
में
कार्यरत
हैं।
उषा
बताती
हैं
कि
उन्होंने
अपने
भाई
को
पढ़ाने
के
लिए
शादी
नहीं
की।
अपनी
नौकरी
के
साथ-साथ
छोटे
भाई
को
एमबीए
कराया,
जो
आज
एक
मल्टी
नेशनल
कंपनी
में
कार्यरत
है।
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