'अवैध संबंध बढ़ेंगे' मुस्लिम लीग की महिला विंग ने शादी की उम्र बढ़ाने का किया विरोध, पीएम मोदी को लिखा पत्र
नई दिल्ली। मुस्लिम लीग की महिला विंग ने महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के सरकार के प्रस्तावित कदम का विरोध किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इस महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर जल्दबाजी में निर्णय ना लिया जाए। पत्र में कहा गया है कि 18 से 21 साल की महिलाओं की कानूनी विवाह के लिए योग्य उम्र को बढ़ाने से अवैध संबंध और लिव-इन रिलेशनशिप के मामले बढ़ेंगे।
'जल्दबाजी में निर्णय लेना गलत'
मुस्लिम लीग की महिला विंग की सचिव पीके नूरबाना रशीद ने पत्र में लिखा है कि जब कई विकासशील देशों ने जैविक और सामाजिक जरूरतों को देखते हुए शादी की कानूनी उम्र को 21 से 18 साल तक कम कर दिया है, तो भारत में शादी के लिए महिलाओं की कानूनी उम्र बढ़ाने में जल्दबाजी में निर्णय लेना उचित नहीं है। उन्होंने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 को लागू करने के बजाय महिलाओं की शादी की उम्र को बढ़ाए जाने को अनुचित करार दिया है। साथ ही कहा है कि शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम उम्र को बढ़ाया जाना गलत है।
महिला विंग- उचित चर्चा की जरूरत
इसके साथ ही उन्होंने पत्र में पूछा है, 'हाल ही में रिपोर्ट आई है कि ग्रामीण इलाकों में 30 फीसदी महिलाओं की शादी उनके 18 साल का होने से पहले ही हो रही है। इस तरह के कदम उठाने का क्या फायदा है, जब पहले से लागू कानूनों का ठीक से पालन नहीं हो रहा है।' बीते साल केरल में इस तरह के 300 मामले सामने आए थे। पीके नूरबाना रशीद ने कहा कि इस तरह का फैसला लिए जाने से पहले उचित चर्चा की आवश्यकता थी।
सरकार ने किया टीम का गठन
वहीं केंद्र सरकार ने महिलाओं की शादी के लिए उम्र बढ़ाने को लेकर जया जेटली के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम का गठन किया है। जिसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। जिसमें 18 से 21 साल की महिलाओं के लिए शादी की योग्य उम्र बढ़ाए जाने की सिफारिश की गई है।
पीएम
मोदी
आज
गुजरात
में
तीन
परियोजनाओं
का
करेंगे
उद्घाटन,
किसानों
के
लिए
खास
है
इनमें
से
एक
योजना