Women's Day: UP महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम बोलीं- हर नारी में छिपी है दुर्गा,हर नारी है नारायणी
Exclusive Interview by Bhavna Pandey: 'मंजिल तक पहुंचने के रास्ते में कई रुकावटें आती है इसमें तब हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है' यही सोच है उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम की। जिन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लंबा और कठिन सफर तय किया। महिला सशक्तिकरण का अर्थ विमला बाथम के लिए राजनीति, समाज, शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में महिला को बराबर की हिस्सेदारी देना हैं। इसके साथ बाथम का मानना है कि महिलाएं तभी सशक्त और सुरक्षित महसूस करेंगी जब वो घर से बाहर निकलेगी और अपने पैरों पर खड़ी होंगी। विमला बाथम ये भी मानती है आज की महिला अबला नहीं सबल हैं। सुरक्षा, सम्मान स्वालंबन ये तीन चीजें महिला को हमेशा याद रखनी चाहिए। उद्यमी से राजनीति तक का सफर तय करने के बाद 6 अगस्त, 2018 से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहीं विमला बाथम से महिला दिवस के अवसर पर वन इंडिया हिंदी ने विशेष बातचीत की।
यूपी की योगी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 'मिशन शक्ति' कितना कामयाब हुआ?
यूपी में मिशन शक्ति पूर्ण रूप से कामयाब है महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति की शुरूआत हुई। इस मिशन का मतलब महिला को सशक्त बनाना और महिला के अंदर शक्ति प्रदान करना हैं। हमने महिला आयोग के शिविर में देखा है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं के बारे में पता है। वो विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपने को सबल बना रहीं हैं। अब यूपी पुलिस भी बहुत अलर्ट है क्योंकि पुलिस पर भी योगी सरकार सख्ती कर रही और पुलिस वालों को सस्पेंशन का भय है इसलिए वो केस पर त्वरित कार्रवाई करते हैं और केस सुलझा रहे हैं और महिला आयोग का भी प्रयास है कि पुलिस वाले कोई कोताही न बरतें।
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उत्तर प्रदेश महिला आयोग में ग्रामीण क्षेत्र से केस अधिक आ रहे या शहरी क्षेत्र से ?
ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों और कस्बों से केस अधिक केस आ रहे हैं जिसमें घरेलू हिंसा के अधिक होते हैं। जैसे पति ने घर से निकाल दिया, घर खर्च नहीं दे रहा, पति का अवैध संबंध, पारिवारिक विवाद संबंधी केस अधिक आते हैं।
उत्तर
प्रदेश
में
इतने
अधिक
कानून
हैं
इसके
बावजूद
यूपी
में
महिलाओं
के
प्रति
अपराध
बढ़ता
जा
रहा
है
और
खासकर
हाथरस
केस
के
बाद
योगी
सरकार
पर
लगातार
आरोप
लग
रहे
हैं
कि
उनके
राज
में
क्राइम
रेट
बढ़ा
है।
इस
बारे
में
क्या
कहना
है?
आप
ये
नहीं
कह
सकते
है
योगी
सरकार
में
क्राइम
रेट
बढ़ा
है
आप
ये
देखिए
कि
यूपी
कितना
बड़ा
और
इसका
ग्राफ
कितना
बड़ा
है,
उत्तराखंड
जैसे
पांच
छह
राज्य
बन
जाए।
24
करोड़
की
आबादी
है
और
उसमें
12
करोड़
महिलाएं
हैं
उनकी
सुरक्षा
के
लिए
प्रदेश
की
योगी
सरकार
हर
प्रयास
कर
रही
है
और
महिला
आयोग
भी
पूरी
शिद्दत
से
महिलाओं
को
न्याय
दिलाने
और
मामालों
के
त्वरित
निस्तारण
के
लिए
प्रयास
कर
रहा
है।
इसके
साथ
प्रदेश
में
महिलाएं
सुरक्षित
रहें
इसके
लिए
प्रदेश
सरकार
और
महिला
आयोग
प्रयास
कर
रहा
है।
ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की महिलाओं तक पहुंचने के लिए आयोग द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
उत्तर प्रदेश महिला आयोग तक महिलाएं जो नहीं पहुंच पाती हैं उनके लिए मोबाइल नंबर है जो दूरदराज गांव से भी संपर्क कर सकती हैं। इसके अलावा पिछड़े क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की समस्याएं सुनने के लिए तहसील और ब्लाक स्तर पर महिला चौपालें लगाई जा रही हैं। जिनमें महिला आयोग की सदस्य जाकर सुनवाई करती हैं और उन पीडि़त महिला को त्वरित न्याय मिले इस दिशा में कार्य करती हैं। ये हमें अधिक सफल नजर आ रहा है क्योंकि इससे हमारा महिला आयोग ग्रामीण क्षेत्रों में जा रहा है। इन चौपालों से पहले डिस्टिक प्रोविजन ऑफीसर (डीपीओ ) को सूचित किया जाता इसके बाद चौपाल की तारीख का विज्ञापन तीन दिन तक अखबारों में दिया जाता है, इसके अलावा ग्रामीण ताकि परेशान महिला चौपाल में आकर अपनी समस्या सुना सकें।
प्रदेश की आम महिला और बालिकाओं की पहुंच महिला आयोग तक हो, वो बेझिझक और बिना डरे अपनी शिकायत आयोग में कर सके इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
आयोग से प्राप्त होने वाली शिकायती प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्यवाही कराने एवं उनका शीघ्र निस्तारण कराये जाने के लिए आयोग द्वारा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया, जिससे शिकायतकर्ता ऑनलाइन माध्यम से शिकायत आयोग में दर्ज करा सकती है। आयोग में जो आनलाइन शिकायत दर्ज करवाई जाती है उसके फार्म में भरवाए गए मोबाइल नंबर पर SMS के माध्यम से सुनवाई की तारीख दे दी जाती है। अगर जिन मामलों में तुरंत सहायता की आवश्यकता होती है तो आयोग की सदस्य मौके पर जाती हैं और मदद करती हैं। इसके अलावा आयोग के फोन नंबर 0522-2306403 और टोल फ्री नंबर 1800-180-5200 पर संपर्क कर सकती हैं। इसके अलावा वाट्सअप नंबर 6306511708 पर मैसेज कर सकती हैं। महिला आयोग की वेबसाइट mahilaayog.up.nic.in या ईमेल[email protected] पर संपर्क कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश महिला आयोग में आने वाले मामलों को सुलझाने में किस प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ?
महिला आयोग में जो शिकायतें आती हैं उनको सुलझाने में दिक्कतें तो बहुत नहीं होती लेकिन समस्या बस तब आती है जब शिकायत करने वाला लड़की का पक्ष तो आ जाता है लेकिन लड़का पक्ष आसानी से सुनवाई की तारीख पर नहीं आते हैं, ऐसे केसों में फिर हम सख्ती से काम लेते हैं और पुलिस की मदद लेकर बुलवाते हैं। हमारा ये प्रयास रहता है कि सुनवाई और काउंलिंग के दौरान दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाए। हमारी ये कोशिश होती है कि परिवार नहीं टूटे।
1090 हेल्प लाइन नंबर को लेकर लोगों की शिकायत रहती हैं इस पर शिकायत करने के बाद भी कार्रवााई नहीं होती है इस बारे में क्या कहना है ?
1090 को कॉल करने वाली महिलाओं तक अब तुरंत पुलिस पहुंचती है। वीमेन पावर लाइन की ओर ये ऐप लॉन्च किया गया है। 1090 अगर नहीं रिस्पांस किसी कारण तो 181 पर महिला कॉल करें ये वन स्टाप सेंटर अभियान का नंबर है जिस पर तुरंत एक्शन होता है, इसके अलावा 112, 1076 हेल्प लाइन नबंर है, महिलाएं हेल्प कर सकती है। 112 पर फोन कर सकते हैं बस महिला को इन सभी हेल्पलाइन की जानकारी होनी चाहिए।
प्रदेश में महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए और क्या प्रयास होने चाहिए?
भारतीय महिलाओं का पारिवारिक और सामाजिक विषयों में महिलाओं की भी निर्णायक की भूमिका में शामिल करने की आवश्यकता है।महिलाओं को घर की चार दिवारी से बाहर निकल कर अपने स्वालंबी बनने की आवश्कता है। अगर किसी लड़की पर कोई अत्याचार होता है तो उसको सहने के बजाय उसपर एक्शन लेना चाहिए। इसके अलावा घर परिवार को परिवार को ये विश्वास दिलाना चाहिए कि वो हर कदम में उसके साथ हैं। महिलाओं की सुरक्षा और स्थिति सुधारने के लिए सरकार अपना काम कर रही, निर्भया केस के समय से बहुत से नियम कानून बन गए लेकिन अपराधी को शीघ्र सजा हो तो पीडि़ता के प्रति न्याय होगा। महिला आयोग आने के लिए महिला को लखनऊ आने की जरूरत नहीं है वो वाट्सअप कर सकती है।
क्या महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण हर क्षेत्र में मिलना चाहिए?
किसी भी समाज के विकास का सीधा सम्बन्ध उस समाज की महिलाओं के विकास से जुड़ा होता है .महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं को राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक क्षेत्रों में बराबर का भागीदार बनाया जाना शामिल है। इसलिए महिलाओं को हर क्षेत्र में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए|
महिला दिवस पर उत्तर प्रदेश और देश की महिलाओं के लिए आपका क्या संदेश है?
महिला दिवस पर मैं महिलाओं को ये ही संदेश देना चाहती हूं कि महिलाएं घर और परिवार में सामजस्य बना कर आगे बढ़े, अपने अंदर के आत्मविश्वास से महिला शक्तिशाली बनती है। इसलिए हर महिला को अपने अंदर की शक्ति को पहचाना चाहिए अपने अंदर की शक्तिशाली महिला को बाहर निकाले और निर्भय होकर जो आप करना चाहती है वो काम करें आगे आएं। सुरक्षा, सम्मान स्वालंबन ये तीन चीजें महिला को हमेशा याद रखनी चाहिए, स्वालंबन के बिना महिला का जीवन अधूरा रहता है इसलिए उसे स्वालंबी बनने के साथ सुरक्षित और सम्मान के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।