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शाहीन बाग: सड़क बंद होने से पुलिस और लोग परेशान, प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने हटने से किया इनकार

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शन जारी हैं। जिसके चलते मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच सड़क नंबर 13ए बीते एक महीने से बंद है। इस कारण दिल्ली से नोएडा आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से हटने के लिए कई बार अपील भी की, लेकिन इन लोगों ने हटने से साफ इनकार कर दिया है।

पुलिस की बात सुनने से साफ इनकार

पुलिस की बात सुनने से साफ इनकार

यहां 15 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि सीएए को वापस लिया जाए। ये लोग संभावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) का भी विरोध कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने यहां लोगों से गुरुवार को सड़क से हटने को कहा ताकि यातायात संबंधित परेशानी को दूर किया जा सके लेकिन ये बातचीत भी सफल नहीं हो पाई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बात सुनने से साफ इनकार कर दिया। जब बातचीत सफल नहीं हो पाई तो गौतमबुद्ध नगर यातायात पुलिस ने ट्वीट किया।

पुलिस ने किया ट्वीट

ट्वीट में पुलिस ने कहा, 'नोएडा कालिंदी डायवर्जन से डीएनडी पर यातायात का दबाव बढ़ गया है कृपया वैकल्पिक मार्ग का प्रयोग करें। कृपया धैर्य का परिचय दें।' इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसका निपटारा करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली पुलिस को कानून के तहत अपना काम करना चाहिए। हालांकि कोर्ट ने जनहित को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की इजाजत दी है। कोर्ट ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

ट्रैफिक जाम हो जाता है

ट्रैफिक जाम हो जाता है

सड़क के बंद होने की वजह से लोगों को ऑफिस और अन्य स्थानों पर लंबे रास्ते से जाना पड़ता है। सड़क से आने-जाने वाले लोगों का कहना है कि सड़क बंद होने के कारण ना केवल इनका समय खराब होता है बल्कि इनके पैसे भी अधिक खर्च हो रहे हैं। इसके अलावा जिस लंबे रास्ते से लोगों को मजबूरन जाना पड़ रहा है, वहां भी ट्रैफिक जाम हो जाता है। जिसके कारण लोगों को घंटों जाम में भी फंसे रहना पड़ता है।

क्या है कानून?

क्या है कानून?

बता दें सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून बीते साल दिसंबर माह में आया था। इससे पहले इसके बिल को संसद के दोनों सदनों में बहुमत से मंजूरी भी मिली थी। कानून के तहत तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न का शिकार छह गैर मुस्लिम समुदाय के लोग छह साल भारत में रहने के बाद यहां की नागरिकता हासिल कर सकते हैं। कानून के आने के बाद से ही देश के कई हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन देखा गया। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि इस कानून में किसी एक समुदाय के साथ भेदभाव किया गया है, जो संविधान का उल्लंघन है।

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English summary
women refuse to move from delhi shaheen bagh who protesting against citizenship amendment act.
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