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26 जनवरी की परेड में दिखी महिला ताकत, रचा इतिहास

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नई दिल्ली। देश के 70वें गणतंत्र दिवस की परेड में ना सिर्फ पुरुषों सैनिकों की जांबाजी देखने को मिली बल्कि महिलाओं ने भी बराबरी से अपना दमखम दिखाया। 26 जनवरी की परेड में नारी शक्ति का शौर्य देखने को मिला। राजपथ पर महिला अधिकारियों ने पहली बार सेना और पैरामिलिट्री टुकड़ियों का प्रतिनिधित्व किया। इस परेड का मुख्य़ आकर्षण ये तमाम महिलाएं रही जिन्होंने पहली बार परेड में सैन्य टुकड़ियों का प्रतिनिधित्व किया।

पहली बार महिला असम राइफल्स की टीम

पहली बार महिला असम राइफल्स की टीम

राजपथ पर परेड के दौरान सबसे पुरानी सैन्य ईकाई असम राइफल्स की महिला टुकड़ी की परेड देखने को मिली जो आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। इस टुकड़ी की शुरुआत 2015 में की गई थी, जबकि पहली बार पैरामिलिट्री में महिलाओं की भर्ती को हरी झंडी दी गई थी और इसका पहला 124 महिलाओ का बैच प्रैल 2016 में पास हुआ। मेजर खुशबू ने असम राइफल्स की 144वीं बटालियन का नेतृत्व किया। मेजर खुशबू का जिनका विवाह एक सैन्य अधिकारी से ही हुआ था उनकी एक लड़की भी है। इस मार्च से पहले मेजर खुशबू ने कहा कि यह काफी गर्व का पल है मेरे लिए।भारत में लोगों की ऐसी सोच है कि सेना की नौकरी महिलाओं के लिए नहीं होती है बल्कि पुरुषों के लिए होती है। लेकिन परेड में हमारी भागीदारी से हम इस भ्रम को तोड़ रहे हैं।

इतिहास में दर्ज हुआ नाम

इतिहास में दर्ज हुआ नाम

मेजर खुशबू के अलावा लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने भी इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज किया। राजपथ पर परेड के दौरान उन्होंने पुरुषों की बटालियन का नेतृत्व किया जिसमे कुल 144 जवान शामिल थे। आर्मी सर्विस कॉर्प बटालियन का नेतृत्व करने वाली भावना ने कहा कि मेरे परिवार में किसी ने कभी सेना की नौकरी नहीं की थी। मैमं अपने खानदार में पहली इंसान हूं जोकि सेना में शामिल हुई है। मेरे परिवार ने हमेशा मेरा उत्साहवर्धन किया। मैं देश की युवा लड़कियों से कहना चाहती हूं कि अपने सपनों का पीछा करो, कभी हार मत मानो, बुलंदियां कदम चूमेंगी।

मोटरसाइकिल से करतब

मोटरसाइकिल से करतब

कैप्टन शिखा सुरभि जोकि आर्मी की डेयरडेविल मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने परेड के दौरान स्टंट में हिस्सा लिया और चलती हुई बाइक पर अपने करतब दिखाए। इस दौरान उन्होंने मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रैंपोसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलामी दी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए तालियां बजाई जब उन्होंने 9 बाइक पर सवार 32 पुरुष जवानों के सामने बाइक चला रही थीं। सुरक्षा ने इस गौरवमयी क्षण के बाद कहा कि मैंने पिछले तीन महीनों में इस स्टंट का अभ्यास किया था।

सैटेलाइट टुकड़ी का प्रतिनिधित्व

सैटेलाइट टुकड़ी का प्रतिनिधित्व

वहीं कैप्टन भावना स्याल ने ट्रांसपोर्टेड सैटेलाइट टर्मिनल की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व किया। अपनी इस उपलब्धि के बाद उन्होंने कहा कि कई महिलाओं ने परेड में हिस्सा लिया, सेना की तीनों ही इकाइयों ने महिलाओं का खुले मन से स्वागत किया है। जब युवा लड़कियां हमे मार्च करते हुए देखती हैं तो निश्चित रूप से उन्हें भी सेना में शामिल होने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया की युद्ध के समय ट्रांसपोर्टेड सैटेलाइट की मदद से तीनों सेना के बीच संवाद स्थापित करने में अहम मदद मिलती है। लेप्टिनेंट अंबिका सुधाकरन ने नौसेना की 144वी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व किया।

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English summary
Women power display on 26 January Republic day parade creates history.
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