लॉकडाउन के चलते सरकारी स्कूल में ठहरी थी महिला, तीन लोगों ने किया गैंगेरप
जयपुर: एक ओर पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ताजा मामला राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से आया है, जहां लॉकडाउन में फंसी एक महिला को स्कूल में रुकवाने की व्यवस्था की गई, जहां पर तीन लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया। घटना के तुरंत बाद एक्शन में आई पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले में लापरवाही बरतने के चलते एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला जयपुर में एक किराए के मकान में रहती थी। महिला का बेटा 2015 से गैंगरेप और POCSO के मामले में आरोपी है। महिला को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था लेकिन वो 2019 में बरी कर दी गई। हाल ही में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उसके बेटे को जयपुर से दौसा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। लॉकडाउन से पहले वो अपने बेटे से मिलने गई थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो पिछले एक महीने में सवाई माधोपुर में फंसी रही। इस दौरान उसने पैदल जयपुर जाने की मन बनाया। 23 अप्रैल को वो एक गांव पहुंची, जिसकी सूचना वहां के लोगों ने हेड कांस्टेबल को दे दी। इस दौरान हेड कांस्टेबल ने 40 लोगों की मौजूदगी में उसे स्थानीय स्कूल में रुकवाने का फैसला लिया। वहीं शाम होने के बाद स्कूल के शिक्षक घर चले गए, जिसके बाद तीन लोगों ने महिला के साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने मामले में तीनों आरोपियों ऋषिकेश मीणा, लखन रेगर और कमल खरवाल को गिरफ्तार कर लिया है।
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हेड कांस्टेबल की लापरवाही पड़ी भारी
मामले में सवाई माधोपुर के एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि पिछले एक महीने से महिला सवाई माधोपुर में घूम रही थी। ऐसे में हेड कांस्टेबल ने बिना सोचे समझे उसे स्कूल में रुकवा दिया। जबकि कम से कम उसे ऐसी जगह रखना था, जहां और भी महिलाएं रुकी होती। हेड कांस्टेबल की इस लापरवाही के चलते उसे निलंबित कर दिया गया है। वहीं महिला का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आ जाएगी। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।