'किराए की कोख' वाली मां को भी मिलनी चाहिए मैटरनिटी लीव: हाईकोर्ट
नई दिल्ली। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक खास बात कही, हाईकोर्ट ने कहा कि हर कर्मचारी की तरह 'किराए की कोख' या 'सरोगेट मदर' को भी छुट्टी मिलनी चाहिए। कोर्ट ने यह विचार उस सरकारी नौकरी कर रही महिला के लिए व्यक्त किए जो कि किराए पर मां बनती हैं।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि जिस तरह एक महिला कर्मचारी को मैटरनिटी लीव और सुविधाएं मिलती हैं, उन्हें अवकाश मिलता है ठीक उसी तरह से 'किराए की कोख' या 'सरोगेट मदर' को भी लीव मिलनी चाहिए क्योंकि इन महिलाओं को भी एक आम महिला की ही तरह गर्भधारण में परेशानियां होती हैं , वो अपनी कोख को सेल कर रही हैं तो इसका मतलब यह नहीं हम उनकी चिंता करना छोड़ दें।
गरीबी के चलते महिलाएं बेच रही हैं कोख
एक तो इंसानियत और दूसरा स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह देश और समाज के लिए बहुत जरूरी है कि एक स्वस्थ संतान के लिए उसकी मां का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है और इसके लिए जो महिलाएं गर्भधारण करती हैं उनका पूरा ख्याल रखना चाहिए, अब वो चाहे सिंपल मदर हो या फिर 'सरोगेट मदर'।