AIB के खिलाफ 'सुपरमैन' बनी मुंबई पुलिस, महिला की 16 महीने तक दर्ज नहीं हुई FIR
एआईबी के खिलाफ बिना देर किए एफआईआर दर्ज करने वाली मुंबई पुलिस को महिला ने दिखाया आईना
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर डॉग फिल्टर लगाने वाली एआईबी के खिलाफ मुंबई पुलिस ने खुद से आगे आकर कार्रवाई की और इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिस महिला ने तकरीबन 16 महीने पहले उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने की शिकायत की थी, उस मामले में पुलिस ने आजतक मानहानि का मामला तक दर्ज नहीं किया है।
आजतक दर्ज नहीं हुई एफआईआर
आफताब सिद्दीकी जोकि स्थानीय एक्टिविस्ट हैं, उनका कहना है कि वह पिछले एक साल से शिकायत दर्ज कराने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन आजतक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। सिद्दीकी का कहना है कि उन्हें उस वक्त सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा था, जब उन्होंने झुग्गी में रह रहे गरीबों के लिए अभियान चलाया और यहां बिल्डर के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। सोशल मीडिया पर महिला को वसूली करना वाला, ब्लैकमेलर, चोर, घूस लेने वाला तक कहा गया। पिछले वर्ष मार्च माह में महिला ने खार पुलिस स्टेशन का रुख किया, लेकिन वह सिर्फ गैर संज्ञेय मामला ही दर्ज करा सकीं, बावजूद इसके कि उन्होंने लिखित तौर पर मानहानि की शिकायत की थी।
नहीं
मानी
है
हार
वहीं
इस
मामले
में
वरिष्ठ
वकील
आभा
सिंह
का
कहना
है
कि
फिरौती
का
मामला
तब
दर्ज
किया
जाता
है
जब
कोई
आपको
इंटरनेट
पर
फिरौती
देने
के
लिए
कहता
है।
पुलिस
की
ओर
से
पुलिस
की
ओर
से
साथ
नहीं
मिलने
के
बाद
भी
आफताब
ने
हार
नहीं
मानी।
उन्होंने
मुंबई
के
पुलिस
कमिश्नकर
दत्ता
पदसल्गीकर
से
गत
वर्ष
अप्रैल
माह
में
शिकायत
की।
जिसे
दो
दिन
के
भीतर
ही
साइबर
सेल
को
भेज
दिया
गया
था
जिसके
बाद
आफताब
को
अपना
बयान
दर्ज
कराने
के
लिए
साइबर
सेल
बुलाया
गया
था।
इसे
भी
पढ़ों-
पत्नी
बोली-आपके
बिना
नहीं
खुल
रही
विंडो,
पति
ने
कहा
ऑयल
डालो
एआईबी
मामले
में
एक
दिन
में
दर्ज
हुई
FIR
लेकिन
इसके
बाद
भी
आफताब
इस
बात
को
लेकर
आश्वस्त
नहीं
हैं
कि
पुलिस
ने
इस
मामले
में
एफआईआर
दर्ज
की
है
या
नहीं।
महिला
का
कहना
है
कि
पुलिस
ने
मुझसे
कहा
है
कि
वह
बांद्रा
मजिस्ट्रेट
कोर्ट
से
इजाजत
लेंगे
कि
क्या
मेरी
एफआईआर
दर्ज
की
जानी
है,
लेकिन
क्या
इन
लोगों
ने
एआईबी
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करने
के
लिए
इजाजत
ली
थी।
उन्होंने
इस
मामले
में
कुल
13
लोगों
का
नाम
पुलिस
को
दिया
है,
जिनपर
महिला
आरोप
लगाया
है
कि
ट्विटर
पर
उन्हें
बदनाम
किया
गया
है।