Womens Day: कियारा आडवाणी का बोल्ड बयान, कहा- देश में खतरनाक स्तर पर है रेप की दर
मुंबई। अपनी खूबसूरती और बोल्ड एक्टिंग के चलते अकसर सुर्खियों में रहने वाली एक्ट्रेस कियारा आडवाणी इस बार अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। महिला दिवस पर कियारा ने कहा है कि महिलाओं के सम्मान में एक दिन का जश्न मनाना अच्छा विचार है, लेकिन साल के अन्य 364 दिनों का क्या? नेटफ्लिक्स फिल्म 'गिल्टी' के प्रमोशन के दौरान कियारा ने कहा, "हर दिन महिला दिवस होना चाहिए और हर दिन उनके सम्मान में जश्न मनाना चाहिए। सिर्फ एक दिन क्यों?"

एक दिन का जश्न मनाने का विचार समझ से परे
कियारा आडवाणी का मानना है कि महिलाओं के सम्मान में सिर्फ एक दिन का जश्न मनाने का विचार उनकी समझ से परे हैं, वह भी तब तक जब तक कि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और अपराधों पर लगाम नहीं लगाया जाता और उनका सम्मान नहीं किया जाता। हालांकि, कियारा आडवाणी इस बात से खुश हैं कि इस विषय पर कम से कम बातचीत जरूर शुरू हुई है। कियारा आडवाणी ने कहा, "पहले इन विषयों पर बातचीत हमेशा दबा दी जाती थी। आज हम अंतत: असहज करने वाले विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। हमारे देश में दुष्कर्म की दर खतरनाक स्तर पर है, ऐसे में हम सभी को इससे लड़ने की जरूरत है। मुद्दे की बात यह है कि कम से कम इन विषयों पर बातचीत शुरू हो गई है और हमनें अपने लक्ष्य की ओर एक कदम बढ़ाया है।"

फिल्म 'गिलटी' पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप
कियारा आडवाणी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'गिलटी' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग होते ही कानूनी पचड़े में फंस गई है। अकाली दल के नेता व दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए फिल्म के प्रोड्यूसर, मेकर और नेटफ्लिक्स को कानूनी नोटिस भेजते हुए बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। उन्होंने एक ट्वीट कानूनी नोटिस की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "नेटिफ्लिक्स, करण जौहर और रुची नरेन को कानूनी नोटिस भेज दिया है। नेट्फ्लिक्स पर आई फिल्म 'गिलटी' में जानबूझकर सिख धर्म मानने वालों की भावनाओं को आहत किया गया है। इसमें 'ननकी' नाम की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।"

ये लिखा गया है फिल्म को लेकर
नोटिस में 'गिलटी' के ट्रेलर का यूट्यूब लिंक देते हुए लिखा गया कि 'बेबे ननकी' गुरु नानक देव की बड़ी बहन थीं। गुरु नानक देव, सिख धर्म के पहले गुरु थे। उनके जीवन में ननकी की बेहद अहम भूमिका रही है। उन्हें पहली गुरुसिख कहा गया है। उन्होंने ने ही सबसे पहले अपने भाई में अध्यात्म के पुट को महसूस किया था। इतना ही नहीं ननकी को ही सिख धर्म की पहली फॉलोवर माना जाता है। उन्होंने ही गरु नानक देव को भागवान के करीब पहुंचने के लिए संगीत को बतौर साधन सुझाया था। उल्लेखनीय है कि सिख धर्म में संगीत का बेहद अहम स्थान है। गुरुद्वारों में संगीत हमेशा गुंजायमान रहता है।