मेनका गांधी ने बताया सैनेटरी पैड पर क्यों जरूरी है GST?
नई दिल्ली। महिलाओं के मेन्सटूरेशन हाइजिन के लिए जरूरी सैनेटरी नैपकिन पर 12 प्रतिशत जीएसटी को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। लोग सैनेटेरी नैपकिन पर जीएसटी का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार की मंत्री केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि आखिर सैनेटरी पैड पर जीएसटी लगाना क्यों जरूरी है और क्यों सैनिटरी पैड पर लगाया गया 12 फीसदी जीएसटी सही है?
मेनका गांधी ने बताया कि सैनेटरी पैड पर 18 फीसदी जीएसटी को कम कर उसे 12 फीसदी तक दिया गया है। भारतीय बाजार में सैनेटरी नैपकिन के सेक्टर में मल्टीनेशनल कंपनियों का दबदबा है। ऐसे में इन मल्टीनेशनल कंपनियों पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। अगर ऐसा नहीं किया तो स्वदेशी नैपकिन खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सैनेटरी नैपकिन पर जीएसटी का विरोध करने के बजाए सैनेटरी पैड को अन्य माध्यमों से उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं। हम स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद कर उन्हें स्वदेशी सैनेटरी नैपकिन बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले मेनका गांधी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर ईको-फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी मुक्त करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि हम उन माध्यमों पर काम कर रहे हैं जो महिलाओं तक कम कीमत में सैनेट री पैड पहुंचा सके। उन्होंने कहा उनका मंत्रालय नीति आयोग, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से बात कर रहा है ताकि स्कूलों में सैनेटरी पैड पलब्ध कराया जा सके। स्वंयसेवी संस्थाओं को सैनेटरी बैड बनाने के लिए बढ़ावा मिल सके।