बॉम्बे हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, हाजी अली दरगाह में महिलाओं को एंट्री, फिलहाल 6 हफ्ते के लिए रोक
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि महिलाओं को दरगाह के भीतरी हिस्से (गर्भ गृह) में जाने का अधिकार है।हालांकि दरगाह ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की याचिका मिलने पर हाई कोर्ट ने अपने आदेश पर छह हफ्तों के लिए रोक लगा दी है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही इस पर स्थिति स्पष्ट होगी।
'शरिया
कानून
जाने
बिना
सुनाया
फैसला'
वहीं,
कोर्ट
के
फैसले
पर
नाराजगी
जताते
हुए
मौलाना
साजिद
रशीदी
ने
कहा
कि
बिना
शरिया
कानून
के
बारे
में
जाने
कोर्ट
को
ऐसा
आदेश
नहीं
देना
चाहिए।
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा, 'महिलाओं को दरगाह के भीतरी हिस्से में जाने की अनुमति मिले और इसके लिए सरकार सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम उठाए।' इस मामले में याचिका दायर करने वाली जाकिया सोमन ने फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक और न्याय मिला है।
कोर्ट
ने
रोक
को
बताया
असंवैधानिक
याचिकाकर्ता
के
वकील
ने
कहा
कि
हाई
कोर्ट
ने
दरगाह
में
महिलाओं
के
प्रवेश
पर
लगी
रोक
को
असंवैधानिक
करार
दिया
है।
सुप्रीम
कोर्ट
में
अपील
करेगा
दरगाह
ट्रस्ट
वहीं,
दूसरी
ओर
दरगाह
ट्रस्ट
ने
हाई
कोर्ट
के
फैसले
पर
असहमति
जताई
है।
ट्रस्ट
ने
कहा
कि
वह
फैसले
के
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
में
अपील
करेगा।
हाई
कोर्ट
को
दरगाह
के
मामले
में
दखल
नहीं
देना
चाहिए
था।
पढ़ें: पैलेट गन की जगह इस्तेमाल हो सकते हैं मिर्च से भरे गोले
तृप्ति
देसाई
को
झेलना
पड़ा
था
विरोध
बता
दें
कि
दरगाह
में
महिलाओं
के
प्रवेश
को
लेकर
लंबे
समय
से
विवाद
चल
रहा
था।
महिला
संगठनों
ने
इसके
लिए
आवाज
उठाई
थी।
भूमाता
रागिनी
ब्रिगेड
की
प्रमुख
तृप्ति
देसाई
ने
भी
कई
बार
दरगाह
के
भीतर
हिस्से
में
जाने
की
कोशिश
की,
जिसकी
वजह
के
उन्हें
विरोध
भी
झेलना
पड़ा
था।
हाई
कोर्ट
के
फैसले
पर
खुशी
जताते
हुए
तृप्ति
देसाई
ने
कहा
कि
यह
महिलाओं
के
लिए
बड़ा
दिन
है।
This is an historic decision, we welcome the HC order, big win for women: Trupti Desai on Haji Ali Dargah case pic.twitter.com/nVqsa3ybVJ
— ANI (@ANI_news) August 26, 2016
पढ़ें: रम्या का बढ़ा विरोध, प्रदर्शनकारियों ने कार पर फेंके अंडे
शनि
पूजा
को
लेकर
भी
चला
था
आंदोलन
इसके
पहले
तृप्ति
देसाई
ने
महाराष्ट्र
में
ही
स्थित
शनि
शिंगणापुर
मंदिर
में
महिलाओं
को
शनि
पूजा
का
अधिकार
दिए
जाने
के
लिए
भी
आंदोलन
किया
था।
इस
मामले
में
भी
कोर्ट
ने
सरकार
को
आदेश
दिया
था
कि
वह
महिलाओं
को
शनि
पूजा
के
लिए
सुरक्षा
प्रदान
करे।
यह
महिलाओं
का
अधिकार
है।