इस एयरपोर्ट स्टाफ ने AAI पर ठोका लिंग भेदभाव का केस, लगाए गंभीर आरोप
नई दिल्ली। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) का एयर ट्रैफिक कंट्रोल मैनेजर ने पूरे अथॉरिटी को मुश्किल में डाल दिया है। दरअसल वो सेक्स चेंज (लड़का से लड़की) कराना चाहता है और उसने आरोप लगाया है कि अथॉरिटी उसे दस्तावेजों पर इसकी मंजूरी नहीं दे रहा है। वो बैंकॉक जाना चाहता है और उसे अपने पासपोर्ट पर नाम बदलवाना है। उसने अथॉरिटी पर लिंग भेदभाव का केस भी दायर किया है। दरअसल मामला ये है कि मुंबई के स्वरूप बंदकला (33) ने अपना नाम बदलकर मायरा ग्रेस बंदीकला कर लिया है। अब उनका आरोप है कि अथॉरिटी ने अपने आधिकारिक दस्तावेजों में उनका नाम नहीं बदल रहा जबकि उन्होंने कई बार इसके लिए आवेदन किया है। जानिए क्या है पूरा मामला
मायरा के नाम से नया पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं स्वरूप
स्वरूप के मुताबिक वो अपना नया पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं और ऐसे में बिना आधिकारिक तौर पर नाम बदले हुए पासपोर्ट नहीं बन पाएगा। उन्होंने बताया कि सेक्स चेंज कराने वाली सर्जरी बैंकॉक में इसी साल सितंबर में होनी है। नए नाम के पासपोर्ट के बिना उनकी यह सर्जरी नहीं हो पाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके सहयोगी उन्हें धमकाते हैं कि अगर वो नहीं माने तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
लेडीज वॉशरूम का प्रयोग नहीं करने दिया जाता
मायरा बने स्वरूप ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें महिलाओं के वॉशरूम में जाने से रोका जाता है। मायरा ने यह भी आरोप लगाया है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उनकी स्थिति के बारे में पता था लेकिन फिर भी उपचार को प्रभावित करने के लिए उनका ट्रांसफर शिरडी एयरपोर्ट कर दिया गया। हालांकि उन्हें अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए काफी पत्राचार करना पड़ा।
क्या कहना है एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का
सोमवार को जस्टिस नरेश पाटिल और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की डिविजनल बेंच ने बंदीकला की याचिका पर सुनवाई की। एएआई ने बचाव में कहा कि स्वरूप बंदीकला का नामांकन संस्था में एक आदमी के तौर पर हुआ था, जब तक वह सर्जरी कराकर महिला नहीं बन जाते तब तक ऑफिशल दस्तावेजों में उनका नाम नहीं बदला जा सकता। उन्होंने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 2 जुलाई 2018 तय की है।
जानिए स्वरूप से बनी मायरा के बारे में
बंदीकला आंध्र प्रदेश के तेनाली के रहने वाले हैं। वह पैदा तो पुरुष हुए लेकिन बचपन से ही उन्होंने अपने अंदर महिलाओं जैसा व्यवहार पाया। वह 2010 में मुंबई आए और यहां एएआई के साथ काम करना शुरू कर दिया। 2016 में उनके अंदर जेंडर डिसफोरिया डायग्नोज हुआ। उनकी हार्मोंस रिप्लेसमेंट थेरपी और साइकोथेरपी हुई। अब उनकी सेक्स चेंज की सर्जरी बैंकॉक में होनी है और उन्हें अब एएआई की एनओसी (आनापत्ति प्रमाण पत्र) का इंतजार है। उन्होंने एएआई को इस बारे में मई 2017 में ही सूचित कर दिया था।