मुस्लिम छात्रा को हिजाब पहनने के चलते नहीं देने दी NET परीक्षा
नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की एक छात्रा को हिजाब पहनने के चलते यूजीसी-नेट की परीक्षा देने से रोक दिया गया। पीड़ित महिला ने इसकी शिकायत यूजीसी से की है। दिल्ली में 20 दिसंबर को उमाय्या को और गोवा में 18 दिसंबर को सफीना खान को हिजाब पहनने के कारण परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। इस दोनों मामलों के सामने आने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। उमाय्या ने अपनी साथ हुई इस घटना को ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में महिला आयोग को भी टैग किया है।
दरअसल, उमाय्या अपने परीक्षा केंद्र दिल्ली के रोहिणी स्थित ओजास इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पर पहुंची, जहां उन्हें हिजाब उतारने को कहा गया। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद महिलाकर्मी से गुजारिश की कि उनकी अकेले में तलाशी ले ली जाए और फिर उन्हें परीक्षा केंद्र में जाने की इजाजत दी जाए। लेकिन हिजाब नहीं उतार सकतीं। उमाय्या ने बताया कि, मुझे हिजाब उतारने को कहा गया, हालांकि मैंने उन्हें अकेले में मेरी तलाशी लेने को कहा था। मैंने उनसे गाइडलाइन दिखाने को कहा, लेकिन मुझे परीक्षा देने नहीं दिया गया।
उमाय्या ने यूजीसी को लिखे अपने पत्र में मांग की है कि उसे NET-JRF पास उम्मीदवार माना जाए। खान ने आगे कहा कि भविष्य के लिए मैं विनती करती हूं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी के धर्म, लिंग या पहचान के आधार पर किसी के साथ भी ऐसा ना हो। बता दें कि, यूजीसी नेट परीक्षा (UGC NET) इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित की जा रही है। इस टेस्ट का आयोजन 18 दिसंबर 2018 से शुरू हुआ और 22 दिसंबर तक आयोजित किया गया।
इसी तरह की एक घटना गोवा में भी सामने आई है। सफीना खान सौदागर पणजी में 18 दिसम्बर को जब वह परीक्षा केंद्र पर पहुंची तो पर्यवेक्षक ने उनसे हिजाब हटाने के लिए कहा। सौदागर ने संवाददाताओं से कहा कि जब उन्होंने ऐसा करने से इंकार किया तो उन्होंने उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया।
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