तिहाड़ जेल में चिदंबरम को नहीं मिला तकिया और हटा ली कुर्सी तो पीठ में हुआ दर्द, वजन भी घटा
नई दिल्ली- पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में पीठ दर्द की शिकायत की है। उन्होंने अदालत से कहा है कि तिहाड़ जेल में उन्हें तकिया नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं उनकी सेल के बाहर कुछ कुर्सियां रखी थीं और अब उसे भी हटा लिया गया है। इसके चलते उनकी पीठ में दर्द होने लगा है। चिदंबरम के वकीलों ने अदालत से ये भी कहा है कि जेल में रहने के दौरान उनके मुवक्किल का वजन भी घट गया है। गौरतलब है कि चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में पिछले 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में बंद हैं और गुरुवार को उनकी न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक के लिए अदालत ने बढ़ा दी है।
गुरुवार को कांग्रेस के 74 वर्षीय नेता चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से अपने मुवक्किल के बारे में अदालत से कहा कि, "उनकी सेल में एक कुर्सी भी नहीं है.....बेड पर कोई तकिया नहीं है, इसके चलते पीठ में दर्द रहने लगा है।" इसपर पी चिदंबरम ने कहा कि 'बाहर में 2-3 कुर्सियां थीं जहां वार्डन लोग बैठते थे और मैं भी बैठता था। तब उन्हें हटा दिया गया।'
इस दौरान चिदंबरम के एक वकील ने उनके रेगुलर चेकअप और पर्याप्त सप्पलिमेंट डाइट देने की भी याचिका लगाई। उन्होंने कोर्ट से कहा कि उनके क्लाइंट को कई तरह की बीमारियां हैं और जेल में रहते हुए उनका वजन भी घट गया है। इसपर सिब्बल ने कोर्ट से गुजारिश कर कहा कि वह चिदंबरम को एम्स में मेडिकल जांच की इजाजत दे। इसपर सॉलिसिटर जेनरल तुषार मेहता ने कहा कि,"किसी भी कैदी की स्वास्थ्य की चिंता की जानी चाहिए। कानून जो भी इजाजत देता हो, जेल अधिकारियों को पूरा करना चाहिए।" अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि पीठ के दर्द को देखते हुए कुर्सी और तकिये के निवेदन पर जेल सुप्रीटेंडेंट को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।
सिब्बल ने अदालत से ये भी कहा कि वो सुनवाई के बाद चिदंबरम को उनके परिवार वालों से मिलने की अनुमति दे, जिसकी इजाजत दे दी गई। इस केस में चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में बेल की अर्जी दी है, जिसमें अदालत 23 सितंबर को सुनवाई करेगा।
सीबीआई 305 करोड़ रुपये की कथित धांधली की जांच कर रहा है, जिसमें फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश के लिए मंजूरी दिलाई गई थी। ये केस 2007 का है जब चिदंबरम मनमोहन सरकार में वित्त मंत्री थी। इस मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफआईआर दर्ज किया था।