कोरोना संकट के बीच एक भी जान गंवाए बिना अम्फान तूफान से कैसे निपटा ओडिशा
नई दिल्ली। 1999 में ओडिशा में सुपर साइक्लोन आया था और इसमें राज्य के हजारों लोगों की जान चली गई थी। ओडिशा में इस तरह की आपदाएं लगातार आती रहती हैं। ऐसे में 2000 में नवीन पटनायक मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर जो पहला काम शुरू किया, वह था ओडिशा में एक मजबूत आपदा प्रबंधन विभाग का निर्माण करना। पिछले 18 महीनों में, ओडिशा ने पांच चक्रवातों का सामना किया है। चक्रवात फानी को छोड़ दिया जाओ तो किसी भी तूफान में ओडिशा में 10 से ज्यादा मौतें नहीं हुई हैं।
बीते हफ्ते आए चक्रवाती तूफान अम्फान ने पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई है तो ओडिशा के तटीय इलाकों में भी तबाही का एक निशान छोड़े हैं। तूफान से पेड़, बिजली के खंभें उखाड़ गए, कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए और फसल तबाह हो गई। ओडिशा में 10 जिलों के 89 ब्लॉकों में 1,500 पंचायतों में लगभग 45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बेहद तीव्रता वाले अम्फान तूफान के से पहले ओडिशा सरकार ने सभी एहतियाती कदम उठाए। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से कहा गया था कि वो एक भी जान तूफान से ना जाए, इस पर काम कर रहे हैं।
अम्फान को लेकर मौसम विभाग की ओर से चेतावनी जारी होते ही ओडिशा सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी। जिसमें प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालना, निचले इलाकों में लोगों की आवाजाही, कच्चे मकानों से लोगों को निकाना, मंडियों में फसलों की सुरक्षा, एनडीएआरएफ, ओडीआरएफ टीमों की तैनाती के काम किए गए। ओडिशा का आपदा प्रबंधन विभाग ने बुधवार सुबह तक राज्य प्रशासन के साथ मिलकर तटीय क्षेत्रों से लगभग 1.5 लाख लोगों को निकाला।
इस तूफान में जो बड़ी चुनौती राज्य सरकार के सामने थी वो ये कि जो शेल्टर होम आपदा के लिए लोगों को रखने के लिए बनाए गए हैं। उनमें कोरोना की वजह से दूसरे राज्यों से लौटे लोगों के लिए क्वरंटीन सेंटर बनाए गए हैं। ऐसे में तेजी से वापस इन्हें तूफान प्रभावितों के लिए आश्रय घरों में बदला गया। राज्य की तैयारी तब दिखी जब बुधवार शाम अम्फान ओडिशा से बंगाल की ओर बढ़ा, तो लगभग 85 फीसदी बिजली बहाली का काम हो गया और सड़कों से पेड़ साफ हो गए।
तूफान के बाद प्रधानमंत्री ने ओडिशा का दौरा किया। मोदी के साथ बैठक के बाद ओडिशा के मुख्य सचिव असित कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हम पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जान बचाने में अग्रणी हैं। ओडिशा चक्रवात के मामले में देश का सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है। उन्होंने कहा, बीते 18 महीने में ओडिशा ने पांच तूफानों का सामना किया है। पीएम मोदी के साथ बैठक में हमने ओडिशा में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इसे चक्रवात से लड़ने के लिए और ज्यादा तैयार करने की बात कही है।
पीएम मोदी ने भी वैश्विक महामारी से जूझते हुए चक्रवात से निपटने में ओडिशा के प्रयासों की गहराई से सराहना करते हुए कहा, अच्छी तैयारियों की वजह से कई लोगों की जान बच गई। मोदी ने यहां तक कहा कि कोरोना महामारी के समय प्राकृतिक आपदा से लड़ने का ओडिशा का मॉडल अन्य राज्यों के लिए एक केस स्टडी होगा। एक विश्वविद्यालय को ये काम सौंपा जाएगा ताकि यह प्राकृतिक आपदाओं के समय अन्य राज्यों के लिए उपयोगी हो सके।
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