Azim Hashim Premji: अगर इनकी बात मानी होती तो आज पाकिस्तानी होते अजीम प्रेमजी...
बेंगलुरु। अजीम प्रेमजी भारत की दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन का पद छोड़कर अपने बेटे रिशद को कमान देने का ऐलान किया है, हालांकि वह पांच साल तक गैर कार्यकारी निदेशक और संस्थापक चेयरमैन के रूप में निदेशक मंडल में बने रहेंगे।
कंपनी का कारोबार सात करोड़ से 83 हजार करोड़ रुपये पहुंचाया
महज 21 साल की उम्र में कंपनी की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रेमजी ने 53 साल में कंपनी का कारोबार सात करोड़ से 83 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच दिया है, अजीम प्रेम जी केवल एक उद्योगपति नहीं बल्कि लोगों के लिए एक मिसाल है, वो अपने आप में एक संपूर्ण युग हैं।
चलिए जानते हैं भारत के बिल गेटस कहलाने वाले अजीम प्रेम जी के बारे में खास बातें
'राईस किंग' को जिन्ना ने दिया था निमंत्रण
अजीम हाशिम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई के एक गुजराती मुस्लिम परिवार में में हुआ था, उनके पिता को 'राईस किंग' कहा जाता था। विभाजन के बाद जब जिन्ना ने उनके पिता मुहम्मद हाशिम प्रेमजी को पकिस्तान आने के लिये आमंत्रित किया तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि भारत ही मेरी पहचान है, मैं इसे छोड़ नहीं सकता हूं।
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21 साल की उम्र में संभाली थी कंपनी की कमान
आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन अजीम प्रेमजी के पिता मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने 1945 में वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट लिमिटेड की स्थापना की थी, जो आज विप्रो के नाम से जानी जाती है। मात्र 21 साल में अपने पिता को खो देने वाले अजीम प्रेम जी ने 1966 में कपंनी का कार्यभार संभाला था। अजीम उस वक्त स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन पिता के अचानक निधन के बाद वो भारत आए और कंपनी की जिम्मेदारी ली।
अजीम हाशिम प्रेमजी दो बच्चों के पिता हैं...
प्रेमजी की पत्नी का नाम यास्मीन हैं, उन्हें दो बच्चे है, रिषद और तारिक, रिषद फिलहाल विप्रो के आईटी व्यापार के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे थे लेकिन अब कंपनी की कमान संभालने जा रहे हैं।
वेजिटेबल उत्पाद बनाने वाली कंपनी थी WIPROW
विप्रो को पहले वेस्टर्न वेजिटेबल उत्पाद बनाने वाली कंपनी कहा जाता था लेकिन अजीम प्रेमजी ने बाद में इसे बदलकर बेकरी, टॉयलेट संबंधी उत्पाद, बालो संबंधी उत्पाद, बच्चो संबंधी उत्पाद बनाने वाली कंपनी में बदल डाला।
सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी में परिवर्तित कर दिया
1980 में, इस युवा उद्योगपति ने भारत में आईटी क्षेत्र की जरूरतों को समझा , उन्होंने भारत में आईटी क्षेत्र का विकास करने की ठानी और एक अमेरिकी कंपनी की सहायता से अपनी साबुन बनाने वाली कंपनी को सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी में परिवर्तित कर दिया।
दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में हैं शामिल
- 2010 में, एशियावीक ने उन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली 20 लोगो में से एक बताया था।
- वह दो बार टाइम्स पत्रिका की दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगो की लिस्ट में भी शामिल हो चुके हैं।
- 2000 में उन्हें उच्च शिक्षा के मनिपाल अकादमी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- 2005 में, भारत सरकार ने उन्हें ट्रेड & कॉमर्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये पद्मभुषण अवार्ड देकर सम्मानित किया ।
- 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत का दूसरा सर्वोच्च अवार्ड पद्म विभूषण दिया गया।
दानवीर उद्योगपति
अजीम प्रेमजी ने अपने धन का 25 प्रतिशत भाग दान कर दिया और अतिरिक्त 25 प्रतिशत अगले पांच सालों में दान करने की भी घोषणा की है, अपने सफर के बारे में बात करते हुए अजीम प्रेमजी ने कहा कि यह मेरे लिए यह एक लंबी और संतोषप्रद यात्रा रही है। भविष्य में मैं अपना समय परोपकारी कार्यों में व्यतीत करना चाहता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि रिशद के नेतृत्व में विप्रो सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएगी।
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