नहीं बुलाया जाएगा संसद का शीतकालीन सत्र, मोदी सरकार ने ठुकराई कांग्रेस की मांग
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जाएगा।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जाएगा। दरअसल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मांग की थी कि किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाया जाए। अधीर रंजन चौधरी की इस मांग को खारिज करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चिट्ठी लिखकर बताया कि उन्होंने शीतकालीन सत्र को लेकर अनौपचारिक तौर पर अलग-अलग पार्टी के नेताओं से बात की थी। प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सभी दल फिलहाल शीतकालीन सत्र ना बुलाए जाने के पक्ष में हैं।
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हालांकि, विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार ने शीतकालीन सत्र बुलाए जाने को लेकर उनके साथ किसी तरह की कोई बातचीत नहीं की। विपक्षी दलों ने जोर देकर कहा कि सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए संसद का सत्र बुलाया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि सरकार ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से शीतकालीन सत्र को लेकर कोई चर्चा ही नहीं की। जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रह्लाद जोशी हमेशा की तरह सच्चाई से दूर जा रहे हैं।
'क्या
आप
मजाक
कर
रहे
हैं'
जब
इस
मामले
को
लेकर
टीएमसी
के
सांसद
डेरेक
ओ'ब्रायन
से
पूछा
गया
कि
क्या
शीतकालीन
सत्र
को
लेकर
प्रह्लाद
जोशी
ने
उनकी
पार्टी
के
साथ
कोई
चर्चा
की,
तो
उन्होंने
चौंकते
हुए
कहा,
'चर्चा?
क्या
आप
मजाक
कर
रहे
हैं?'
इस
मामले
पर
प्रह्लाद
जोशी
ने
कहा
कि
सरकार
जल्द
से
जल्द
संसद
का
अगला
सत्र
बुलाना
चाहती
है,
लेकिन
कोरोना
वायरस
महामारी
को
देखते
हुए
इसे
जनवरी
में
बजट
सत्र
में
ही
बुलाना
ठीक
रहेगा।
आपको बता दें कि पिछले कई हफ्तों से विपक्षी दल इस बात की मांग कर रहे हैं कि किसान आंदोलन को देखते हुए शीतकालीन सत्र बुलाकर कृषि कानूनों पर चर्चा कराई जाए। कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के कांग्रेस सांसद जंतर-मंतर पर धरने पर भी बैठे हुए हैं।
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