छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें, विश्वसनीय चेहरों की कमी से जूझ रही पार्टी
नई दिल्ली। लंबे समय से छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी है और ऐसे में राज्य में विधानसभा की त्रिकोणीय जंग में जीत हासिल करना पार्टी के लिए टेखी खीर साबित हो सकता है। पार्टी में अंदरूनी कलह ही मुद्दा नहीं है बल्कि टिकट बेचने जैसे मामले और उनके नेताओं की सेक्स सीडी भी वायरल हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी विरोधी लहर भी नहीं है फिर भी टिकटों को लेकर फैसला नहीं हो पा रहा है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं
पार्टी नेताओं के बीच मतभेद के साथ-साथ और उठापटक बाहर आ चुका है। दूसरी ओर, कांग्रेस में कोई विश्वसनीय चेहरा भी नहीं दिखाई दे रहा है जो इस मुश्किल से उन्हें बाहर निकालने का काम करे। कई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बावजूद पार्टी टिकटों के बंटवारे पर अभी तक फैसला नहीं ले पाई है। आंतरिक कलह और नाराजगी का ये आलम है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश सिंह बघेल सीईसी की बैठक से बाहर आ गए और काफी देर के बाद वे फिर से बैठक में शामिल हुए।
सूबे में कांग्रेस के पास विश्वसनीय चेहरे अभाव
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर सेक्स सीडी कांड और विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने को लेकर लगे आरोप अब सार्वजनिक हो चुके हैं। लेकिन कांग्रेस के नेता इन आरोपों पर बात करने से और उनका जवाब देने से कतराते नजर आ रहे हैं। राज्य के बीजेपी प्रवक्ता और विधायक शिवरतन मिश्रा ने हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस वैचारिक असहमति का प्रचार करती रही है और दूसरे दलों में अंदरूनी झगड़े की बात करती रही है जबकि खुद ही पार्टी अपनी विश्वसनीयता के लिए संघर्ष कर रही है।
बीजेपी ने भी साधा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर टिकट बेचने के आरोप हैं जिसकी सीडी भी बाहर आ गई थी। बीजेपी नेता ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी विश्वसनीयता इस कदर खो चुके हैं कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अब उनको निशाना बनाना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी के विश्वास को जीतने में नाकाम साबित हुए हैं वो जनता के भरोसे को कैसे जीत पाएंगे।
कांग्रेस के लिए बीजेपी को चुनौती देना हो सकता है मुश्किल
कांग्रेस सूबे में अपनी छाप छोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन सीईसी में पार्टी के शीर्ष नेताओं के सामने जिस तरीके से मदभेद उभरकर सामने आए हैं, इनके लिए छत्तीसगढ़ में बीजेपी को चुनौती देना मुश्किल हो सकता है। कांग्रेस नेताओं के बीच मतभेद ना केवल बाहर आया है बल्कि ये अब बड़ा रूप भी ले चुका है। दूसरी तरफ बीजेपी अपने मिशन 65 पर काम करती दिखाई दे रही है।