पीएम मोदी को धमकी भरी चिट्ठी लेकर आए पाकिस्तानी कबूतर के पर कतरे
नई दिल्ली। पाकिस्तान के जासूसी कबूतर को वापस जाने से रोकने के लिए भारतीय सेना उसके पंख कतर दिए हैं। द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट मे लिखा है कि कबूतर वापस पाकिस्तान उड़कर ना जा सके इसके लिए भारतीय सेना ने उसके पंख कतर दिए हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक पर पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी बोले, 'मनोहर पर्रिकर को कोई कंट्रोल करो'
द
टेलीग्राफ
का
दावा
अखबार
ने
दावा
किया
है
कि
पंजाब
के
वरिष्ठ
पुलिस
अधिकार
ने
बताया
कि
कबूतर
वापस
पाकिस्तान
किसी
भी
तरह
की
जानकारी
लेकर
ना
जा
सके
इसके
लिए
उसके
पंख
काट
दिए
गए
हैं।
ऑनलाइन बनवाएं कलर वोटर आईडी, होगी होम डिलीवरी
गृह
मंत्रालय
को
भेजी
गई
रिपोर्ट
इस
बाबत
गृह
मंत्रालय
को
कबूतर
की
एक्स
रे
रिपोर्ट
भी
भेज
दी
गई
है,
जिसमें
लिखा
गया
है
कि
कबूतर
के
पास
के
कुछ
भी
संदेह
की
चीज
नहीं
मिली
है।
इंश्योरेंस कंपनी में 300 पदों पर भर्ती, 51 हजार रुपए तक सैलरी
2
अक्टूबर
को
हुआ
था
गिरफ्तार
आपको
बता
दें
कि
कबूतर
को
2
अक्टूबर
को
उस
वक्त
हिरासत
में
लिया
गया
था
जब
यह
बीएसएफ
के
पठानकोट
में
बेस
में
आया
था।
इस
कबूतर
के
पास
एक
नोट
मिला
था
जो
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
को
संबोधित
करते
हुए
लिखा
गया
था।
कबूतर
के
पास
मिला
था
धमकीभरा
खत
सूत्रों
की
मानें
तो
इस
खत
में
लिखा
था
कि
मोदी
हम
1971
की
तरह
के
नहीं
हैं,
जैश
ए
मोहम्मद,
यह
पत्र
उर्दू
में
लिखा
गया
है
जिसमें
धमकी
दी
गई
है
कि
पाकिस्तान
बदल
गया
है।
पिंजड़े
में
भर्ती
है
कबूतर
मौजूदा
समय
में
कबूतर
एएचएस
अस्पताल
में
है
और
इसे
पिंजड़े
में
रखा
गया
है।
एक
अधिकारी
ने
अखबार
को
बताया
कि
हमें
नहीं
पता
कि
यह
कबूतर
कब
तक
पुलिस
स्टेशन
में
रहेगा,
स्थानीय
लोग
कबूतर
को
देखने
के
लिए
पुलिस
स्टेशन
आते
हैं।
सेना
इस
बात
का
पता
नहीं
लगा
पाई
हैं
किय
यह
कबूतर
सीमापार
करके
कैसे
आया
है।
फिर
से
उग
आते
हैं
पंख
एक
और
अधिकारी
ने
बताया
कि
हम
सिर्फ
इतना
जानते
हैं
कि
यह
मादा
कबूतर
है,
जिसे
हम
पहले
नर
कबूतर
समझ
रहे
थे।
जब
पुलिस
अधिकारी
से
पूछा
गया
का
पर
को
कतरना
क्रूरता
नहीं
है
तो
उसने
बताया
कि
कतरे
पर
फिर
से
उग
जाते
हैं
और
यह
निर्ममता
नहीं
है।
एनिमल
एक्टिवस्ट
ने
उठाए
सवाल
वहीं
इस
कृत्य
पर
एनिमल
राइट
एक्टिविस्ट
का
कहना
है
कि
जब
कबूतर
की
एक्सरे
रिपोर्ट
में
कुछ
नहीं
मिला
था
तो
उसे
छोड़
देना
चाहिए
था।
यह
दिखाता
है
कि
इस
तरह
की
बेवकूफाना
हरकत
से
हम
यह
दर्शाते
हैं
कि
किस
तरह
का
देश
हम
बन
रहे
हैं।