दुश्मन ने जाम कर दिया था मिग-21 का कम्यूनिकेशन सिस्टम, वॉर रूम से वापस लौटने के निर्देश नहीं सुन पाए थे अभिनंदन, पाकिस्तान ने रची थी ऐसी साजिश
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नई दिल्ली। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद अपने 27 फरवरी को अपने मिग-21 से पाकिस्तान एयरफोर्स के एफ-16 को ढेर करने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के जेट में अगर बेहतर कम्यूनिकेशन सिस्टम होते तो शायद वह पीओके में गिरने और पाकिस्तान सेना की गिरफ्त में आने से बच सकते थे। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पुराने कम्यूनिेशन सिस्टम की वजह से अभिनंदन वॉर रूम से दिए गए वापस लौटने को निर्देश को नहीं समझ पाए और उनका जेट पीओके में जा गिरा था। आपको बात दें कि 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद अगले दिन 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर में डॉगफाइट हुई थी जिसमें विंग कमांडर ने पाकिस्तान के जेट को ढेर कर दिया था।
जाम हो गए थे कम्यूनिकेशन सिस्टम
अभिंनदन जिस मिग-21 को फ्लाइ कर रहे थे उसका कम्यूनिकेशन सिस्टम दुश्मन ने जाम कर दिया था। आईएएफ सूत्रों और सरकार से जुड़े कुछ लोगों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। अब इस पूरे प्रकरण के बाद फिर से एयरफोर्स के लिए नई एंटी-जैमिंग टेक्नोलॉजी की मांग उठने लगी है। अगर मिग-21 में नई एंटी-जैमिंग टेक्नोलॉजी होती तो विंग कमांडर निर्देश मिलने पर वापस लौट आते। ऐसा होने से न तो उनका जेट निशाना बनता और न ही वह पीओके में गिरते। यह पहली बार नहीं है जब आईएएफ ने बेहतर कम्यूनिकेशन सिस्टम की मांग की है। इससे पहले भी इस तरह की मांग उठती रही है जिसमें ज्यादा सुरक्षित कम्यूनिकेशन सिस्टम पर जोर दिया जाता रहा है।
पहली बार साल 2005 में की गई मांग
एक अधिकारी की ओर से कहा गया है कि अगर बेहतर सिस्टम होता तो शायद विंग कमांडर को बचाया जा सकता था। हालांकि आईएएफ ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। आईएएफ की तरफ से साल 2005 में पहली बार बेहतर कम्यूनिकेशन सिस्टम की मांग की गई थी। आईएएफ ने न्यू एज कम्यूनिकेशन फैसिलिटी जैसे डाटा लिंक की तरफ इशारा किया था। एक सिक्योर डाटा लिंक की वजह से कई अहम जानकारियां जैसे फ्यूल और हथियार के बारे में कई सूचनाएं मिल सकती हैं।