मां नहीं, तो क्या अफजल गुरु को सलाम करोगे: वेंकैया नायडू
वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत माता की जय केवल एक तस्वीर की जय नहीं है। यह इस देश में अलग-अलग जाति, धर्म, और भाषा के रहने वाले 125 करोड़ लोगों की जय है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिशंकर अय्यर के आपत्तिजनक बयान को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि वंदे मातरम कहना मातृभूमि का वंदन करना है। उपराष्ट्रपति वेंकैया ने कहा कि हिंदुत्व हमारी संस्कृति है, हमारी परंपरा है, जो पीढ़ियों से कायम है। वंदे मातरम को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा, 'अगर मां को सलाम नहीं करोगे, तो किसे करोगे? अफजल गुरु को?'
दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंगल पर आधारित एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, 'मैं लोगों को बताना चाहता हूं, कि भारत माता की जय केवल एक तस्वीर की जय नहीं है। यह इस देश में अलग-अलग जाति, धर्म, और भाषा के रहने वाले 125 करोड़ लोगों की जय है। ये सभी लोग भारतीय हैं।'
उपराष्ट्रपति ने इस मौके पर अशोक सिंघल को हिंदुत्व का एक मजबूत समर्थक बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन के 75 साल हिंदुत्व के भविष्य के लिए दे दिए।
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