उद्धव के राम मंदिर भूमि पूजन में आने को लेकर गठबंधन साथियों में असमंजस की स्थिति
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन निर्माण की तारीख तय हो चुकी है। 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम है। राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भी शामिल होने की खबरे हैं। शिवसेना राम मंदिर मुद्दे पर मुखर रही है और पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे बाबरी मस्जिद के गिराने को गर्व की बात कहा था लेकिन अब शिवसेना की महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार है। ऐसे में उद्धव के कार्यक्रम में जाने की खबर के साथ ही इन दलों ने इस पर एतराज जताया है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन में जाएंगे। वहीं एनसीपी और कांग्रेस इससे खुश नहीं दिख रहे हैं। राम मंदिर भूमि पूजन में सीएम के शामिल होने को लेकर एनसीपी नेता माजिद मेनन ने ट्वीट कर कहा एक राज्य के मुखिया होने के नाते उद्धव ठाकरे को एक धर्म के कार्यक्रम को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राम मंदिर भूमि पूजन पर बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर बनने से कोरोना खत्म नहीं होगा।
उद्धव निकाल रहे बीच का रास्ता?
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी अयोध्या जाने को लेकर बीच का रास्ता निकालते दिख रहे हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, यह खुशी का कार्यक्रम है और लाखों लोग समारोह में शामिल होना चाहते होंगे। क्या हम कोरोना वायरस को फैलने की इजाजत दे सकते हैं। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को होगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को 3 और 5 अगस्त की तारीख भेजी गई थी। पीएमओ ने 5 अगस्त को चुना है। माना जा रहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भूमि पूजन में शिरकत करेंगे।
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