पुडुचेरी में कांग्रेस की अल्पमत सरकार रहेगी या जाएगी? 22 फरवरी को फ्लोर टेस्ट का आदेश
नई दिल्ली: पुडुचेरी में कांग्रेस की अगुवाई वाली वी नारायणसामी की सरकार की टेंशन बढ़ गई है। नई लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिलिसाई सौंदरराजन ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार संभालते ही मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को अगले 22 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। उपराज्यपाल की ओर से जारी आधिकारिक बयान में इस बात का जिक्र किया गया है कि सदन में इस समय सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के पास 14-14 विधायक हैं।
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22
फरवरी
को
फ्लोर
टेस्ट
का
आदेश
पुडुचेरी
की
नई
लेफ्टिनेंट
गवर्नर
तमिलिसाई
सौंदरराजन
का
आदेश
जारी
होते
ही
यह
साफ
हो
गया
है
कि
वी
नारायणसामी
की
मौजूदा
सरकार
के
सियासी
भाग्य
का
फैसला
22
तारीख
को
विधानसभा
में
हो
जाएगा।
गौरतलब
है
कि
सौंदरराजन
को
किरण
बेदी
की
जगह
यह
अतिरिक्त
जिम्मेदारी
दी
गई
है,
क्योंकि
वह
इस
वक्त
तेलंगाना
की
गवर्नर
हैं।
बेदी
को
मंगलवार
रात
को
केंद्र
सरकार
ने
अचानक
उनके
पद
से
हटा
दिया
था।
गौरतलब
है
कि
उसी
दिन
लगातार
चौथे
विधायक
के
इस्तीफे
की
वजह
से
कांग्रेस
की
सरकार
अल्पमत
में
आ
गई
थी।
अल्पमत
में
है
कांग्रेस
सरकार
पुडुचेरी
में
कांग्रेस
सरकार
के
अल्पमत
में
आने
के
बाद
से
विपक्षी
पार्टियां
एनआर
कांग्रेस,
एआईएडीएमके
और
बीजेपी
मुख्यंत्री
से
इस्तीफा
देने
या
विधानसभा
में
बहुमत
साबित
करने
की
मांग
कर
रही
थी।
33
सदस्यों
वाली
पुडुचेरी
विधानसभा
में
इस
वक्त
सिर्फ
28
विधायक
हैं।
कांग्रेस
के
चार
विधायक
इस्तीफा
दे
चुके
हैं
और
एक
विधायक
को
अयोग्य
घोषित
किया
गया
है।
इस
तरह
से
कांग्रेस
के
पास
अपने
सिर्फ
10
विधायक
हैं,
जबकि
उसे
3
डीएमके
और
1
निर्दलीय
विधायकों
का
समर्थन
प्राप्त
है।
जबकि,
विपक्षी
दलों
में
एनआर
कांग्रेस
के
पास
7,
एआईएडीएमके
के
4
और
भाजपा
के
3
विधायक
हैं।
इस
तरह
से
दोनों
ओर
से
14-14
विधायक
हैं,
जबकि
सामान्य
बहुमत
के
लिए
भी
15
विधायकों
का
समर्थन
जरूरी
है।