क्या कांग्रेस शासित प्रदेशों में लागू होगा नागरिकता संशोधन बिल, जानिए नेताओं ने क्या कहा
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) ने कानून का रूप ले लिया। इस बिल के लोकसभा में पेश होने के दिन से ही संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचा हुआ है। भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया है वहीं, कई कांग्रेस शासित राज्य सरकारें भी इस बिल का विरोध कर चुकी हैं। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने पहले ही बिल को स्वीकार करने से मना कर दिया है। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या कांग्रेस शासित प्रदेशों में सीएबी लागू हो पाएगा?
नेताओं ने बिल पर क्या कहा?
केरल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को ही यह कह दिया था कि वह अपने राज्य में इस बिल को लागू नहीं होने देंगे। अब शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बिल का विरोध करते हुए कुछ ऐसा ही बयान दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकता बिल पर हमारा स्टैंड भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जैसा ही है। हम बिल का विरोध करते हैं। छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश से भी बिल को लेकर विरोधाभास सामने आया है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जो रुख अपनाया है हम उसका पालन करेंगे।
Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath: Whatever stand the Congress party has taken on Citizenship Amendment Act, we will follow that,do we want to be a part of a process that sows seeds of divisiveness? (file pic) pic.twitter.com/Ktr2pkftLc
— ANI (@ANI) December 13, 2019
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का यह है माहौल
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिल पर विरोध जताते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो बातें कही हैं हम उनका पालन करेंगे। उन्होंने देश से पूछा कि क्या हम उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं जो विभाजन का बीज बोती है? बिल पर सिर्फ कांग्रेस शासित प्रदेशों में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में भी लागू होने पर सवाल खड़ा होने लगा है। राज्यसभा में शिवसेना के यू टर्न के बाद यह चर्चा है कि क्या महाराष्ट्र में भी बिल को लेकर विरोध किया जाएगा। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने पूछा कि क्या महाराष्ट्र नागरिकता संशोधन बिल को लागू करेगा? उन्होंने राज्य में पार्टी के विचार स्पष्ट करते हुए कहा कि वह कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे।
कांग्रेस सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 के खिलाफ कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट में याटिका दायर की है। अपनी याचिका में पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने एक्ट की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। इससे संविधान में समानता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है, ऐसे में अदालत इसे रद्द करे। शुक्रवार को उन्होंने अदालत में ये अर्जी दी है। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। कांग्रेस, टीएमसी और दूसरे ज्यादातर विपक्षी दल इस एक्ट का लगातार सदन के भीतर और बाहर विरोध कर रहे हैं।
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