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क्या भाजपा में शामिल होंगे गुलाम नबी आजाद, सवाल पर दिया चौंकाने वाला जवाब

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वो एक शर्त पर भाजपा में शामिल हो सकते हैं...

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नई दिल्ली। संसद में चार दशक के लंबे करियर के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल सोमवार को खत्म हो गया। संसद से विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पुरानी घटना को याद करते हुए गुलाम नबी आजाद की तारीफ की और भाषण देते समय भावुक भी हो गए। वहीं, अपने विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर उन्हें गर्व है। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या गुलाम नबी आजाद भाजपा के साथ अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करेंगे। अब खुद गुलाम नबी आजाद ने इस सवाल का जवाब दिया है।

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Ghulam Nabi Azad ने BJP ज्वाइन करने के सवाल पर क्या जवाब दिया? | वनइंडिया हिंदी
'मैं भाजपा में उस वक्त शामिल होऊंगा, जब...'

'मैं भाजपा में उस वक्त शामिल होऊंगा, जब...'

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद से जब उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं भारतीय जनता पार्टी में उस वक्त शामिल होऊंगा, जब हमारे कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी। भाजपा ही क्यों, उस दिन तो मैं किसी भी पार्टी में शामिल हो जाऊंगा। जो लोग ऐसा कह रहे हैं और इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं कि मैं भाजपा में जाऊंगा, वो मुझे अभी जानते ही नहीं।'

संसद की घटना का किया जिक्र

संसद की घटना का किया जिक्र

गुलाम नबी आजाद ने संसद की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'जब राजमाता सिंधिया विपक्ष की उपनेता थीं, तो उन्होंने संसद में खड़े होकर मेरे ऊपर कुछ आरोप लगाए। मैं तुरंत उठा और कहा कि इन आरोपों को मैं काफी गंभीरता से लेता हूं और सरकार की तरफ से इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाने का सुझाव देता हूं, जिसकी अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी करेंगे और लालकृष्ण आडवाणी उसके सदस्य होंगे। मैंने कहा कि ये कमेटी 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट पूरी करे और जो भी सजा मेरे लिए तय हो, मैं उसके लिए तैयार हूं। इसके बाद अटल बिहाजी वाजपेयी ने खड़े होकर कहा कि वो सदन और गुलाम नबी आजाद से माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि राजमाता सिंधिया गुलाम नबी आजाद को नहीं जानती हों, लेकिन मैं जानता हूं।'

संसद में भावुक होने की बताई वजह

संसद में भावुक होने की बताई वजह

वहीं, जब गुलाम नबी आजाद से पीएम मोदी से उनके संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम दोनों एक दूसरे को 90 के दशक से जानते हैं। हम दोनों ही अपनी-अपनी पार्टी में महासचिव थे और अक्सर टीवी पर अलग-अलग मुद्दों पर डिबेट भी करते थे। इस दौरान हम दोनों के बीच तीखी बहस भी होती थी, लेकिन अगर हम जल्दी पहुंच जाते थे तो साथ में चाय पीते थे और बातचीत करते थे। बाद में हम एक-दूसरे को मुख्यमंत्रियों के तौर पर जानने लगे और प्रधानमंत्री, गृह मंत्री की बैठकों में मुलाकात भी होती थी। लेकिन, संसद में हम दोनों के भावुक होने की वजह ये नहीं थी कि हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं, बल्कि 2006 की वो घटना थी, जिसमें कश्मीर में गुजराती पर्यटकों की एक बस पर हमला हुआ था।'

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English summary
Will Ghulam Nabi Azad Join BJP, Answered Himself On This Question.
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