दंगों के घाव कुरेद कर मुलायम से दोस्ती तोड़ेंगे राहुल गांधी
दरअसल राहुल ने अलीगढ़ में अपनी रैली में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत पूरी सपा सरकार को निशाने पर ले दिया। राहुल ने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए प्रदेश की सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया। राहुल ने कहा, "ये लोग दंगे करवा कर लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करके वोट कमाते हैं। चुनाव जीतने के बाद भी हिन्दु-मुसलमान को लड़ाते रहते हैं, ताकि आगे के वोट पक्के होते रहें।" राहुल ने सपा सरकार के घावों को कुरेद कर भविष्य की तैयारी कर ली है। जी हां इससे तो यही लग रहा है कि सपा को दंगों को लिए जिम्मेदार ठहराकर राहुल सपा और मुलायम से किनारे करने वाले हैं।
राहुल के सामने अभी सिर्फ और सिर्फ मिशन 2014 है। यूपी के पास सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट है। जो लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी पार्टी के लिए अहम होती है। ऐसे में राहुल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बिगड़ी हुई छवि को सुधारने के लिए सांप्रदायिक दंगों पर सहानुभूति की राजनीति का इस्तेमाल करना पार्टी की वोट बैंक को मजबूत करने में जटे है। हलांकि राहुल अभी सिर्फ 2014 की जीत को लेकर चिंतित है। चुनाव के बाद के समीकरण पर राहुल विचार नहीं कर रहे है। तभी तो मुलायम के घर में घुसकर राहुल ने उन्हें खरी खोटी सुनाई। ऐसे में कांग्रेस क्या यूपी में वोट के लिए सपा का साथ छोड़ने का मन बना रही है। क्या सपा का विरोध कर राहुल दंगा पीड़ितों और मुसलमानों की सहानुभूति हासिल कर पाएंगे? क्या दंगों के बाद सांप्रदायिक धुव्रीकरण से कांग्रेस को फायदा होगा?