दिल्ली में वाई-फाई यूजर का नाम ज्वाइन हिजबुल मुजाहिदीन, पुलिस का छूटा पसीना
नई दिल्ली। देश की राजधानी में एक वाई-फाई सिग्नल के नाम की वजह से लोगों में अफरा-तफरी मच गई है। दरअसल रविवार की रात दिल्ली में एक वाई फाई का नाम ज्वाइन हिजबुल मुजाहिदीन फ्लैश कर रहा था, जिसके बाद एक यूजर्स ने जब इसे अपने फोन पर देखा तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को फोन करके दी। हालांकि पुलिस इस बात की जानकारी नहीं लगा पाई कि यह वाई-फाई यूजर कौन है। जब पीसीआर को फोन करके इसकी जानकारी दी गई तो स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन वह इस वाई-फाई यूजर का पता नहीं कर सकी।
जब स्थानीय पुलिस इसकी जानकारी नहीं लगा सकी तो स्थानीय साइबर क्राइम को इसकी जिम्मेदारी दी, साथ ही अन्य संबंधित सुरक्षा तंत्र को इसकी जानकारी दी गई। मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पहले इस वाई-फाई नेटवर्क को पकड़ने के लिए एक रेडियस का निर्माण किया और उसके बाद इस आधार पर मैप तैयार किया। इसके बाद इन तमाम पतों की एक लिस्ट तैयार की गई, जिसके बाद पुलिस ने अगले दिन इस वाई फाई यूजर का नाम पता करने की कोशिश शुरू की।
इन सब के बीच पुलिस ने स्थानीय इंटरनेट प्रोवाइडर को भी संपर्क किया, जिससे कि यह पता लगाया जा सके कि किसने इस वाई फाई का नाम यह रखा है। काफी मशक्कत के बाद इस बात की जानकारी मिली की यह वाई फाई नेटवर्क 60 वर्षीय गुलशन तिवारी ने बनाया था, उन्होंने अनी दुकान में 26 नवंबर को इंटरनेट लगवाया था। हालांकि उनका कहना है कि इस नेटवर्क का नाम यह कैसे हो गया उसकी उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन बाद में तिवारी के छोटे बेटे ने बताया कि उसने ही इस नेटवर्क का नाम हिजबुल मुजाहिदीन रखा था। उसने बताया कि पहले यूजरनेम उसके भाई के नाम पर था। वह इस बात से आजिज आ चुका था कि लोग उसके नेटवर्क से जुड़ जाते हैं ,लिहाजा उसने ऐसा नाम रखा कि लोग इसे कनेक्ट ना करें। डीसीपी एंटो अल्फोंस ने कहा कि हमे किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली है, हमने यूजरनेम बदलने को कहा है।
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