कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार क्यों बनाना चाहती है 5 डिप्टी सीएम ? जानिए वजह
कर्नाटक सीएम बी एस येदियुरप्पा पांच डिप्टी सीएम बनाने का मन बना चुके है अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो कर्नाटक भारत का पहला राज्य होगा जिसमें पांच डिप्टीसीएम होगे। जानिए येदियुरप्पा क्यों बनाना चाहते है 5 डिप्टीसीएम? Why Yeddyurappa government wants to create 5 deputy CMs in Karnatak
बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने सारे समीकरण ही सीएम येदियुरप्पा के पक्ष में बदल डाले। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरपा की कुर्सी को इस उपचुनाव में जीवनदान तो मिला, लेकिन उनकी चुनौतियां पहले से कही बढ़ गयी। आलम ये है सीएम येदियुरप्पा कर्नाटक में पांच डिप्टी सीएम बनाना चाहते हैं। पहले से तीन डिप्टी सीएम हैं लेकिन वो और दो उप मुख्यमंत्री चाहते हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर येदियुरप्पा सरकार क्यों 5 डिप्टी सीएम बनाना चाहती है?
पहले बता दें सीएम येदियुरप्पा ने सरकार बची रहे एड़ी चोटी का दम लगा दिया था यहां तक कि सरकार में बने रहने के लिए तमाम टोने-टोटके और ज्योतिषियों की सलाह पर अमल करते हुए अपने नाम की स्पेलिंग भी बदल डाली थी। उपचुनाव के नजीजों से पहले येदियुप्पा की सरकार के भविष्य को लेकर आशंका जतायी जा रही थी लेकिन चुनाव परिणाम में भाजपा को मिली जबरदस्त जीत ने सबकी अटकलों पर पानी फेर दिया।
हाथ से फिसली मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने में बीएस येदियुरप्पा को सवा साल लगे और उसके लिए शुरू से जिस ऑपरेशन कमल पर काम कर रहे थे वो मिशन पूरा होने में 20 महीने लग गये। कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक की जीत येदियुरप्पा सरकार के लिए संजीवनी बूटी साबित हुए। लेकिन यह विधायकों के साथ भाजपा के विधायकों दोनों को खुश रखना येदियुरप्पा की बड़ी परेशानी बन चुका है।
येदियुरप्पा सरकार की ये है मुसीबत
गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस से भाजपा में टूट कर आए सभी विधायकों को भाजपा ने उपचुनाव टिकट दिया तब भाजपा के कई विधायकों ने नाराजगी भी जतायी थी। इसलिए सरकार बिना अवरोध के चलती रहे इसके लिए येदियुरप्पा को भाजपा विधायकों के साथ जिन विधायकों को बूते सरकार बची रही उनको भी संतुष्ट रखना जरुरी बनता जा रहा हैं।
11 बागियों का उतारना है कर्ज
असल में जिन बागियों की मदद से वो मुख्यमंत्री बने वो विधायक उनकी नयी मुसीबत बनने लगे हैं। इसीलिए जल्द जल्द उन्हें मंत्री बनाकर उनका कर्ज भी उतारना चाहते हैं। वह 11 बागियों को अपने मंत्रिमंडल में जगह देना चाहते हैं। लेकिन उनको खुश करने के साथ भाजपा के विधायकों को वह नाराज भी नही कर सकते इसलिए कर्नाटक सीएम येदियुरप्पा भाजपा के विधायकों को डिप्टीसीएम बनाकर उनको खुश करना चाहते हैं।
इसलिए बनाए जा रहे पांच डिप्टी सीएम
बता दें चार महीने पहले कुमारस्वामी की सरकार का तख्तापलट होने के बाद अगस्त में येदियुरप्पा ने गोविंद मक्थप्पा कारजोल, अश्वत नारायण सीएन और लक्ष्मण संगप्पा सवादी को डिप्टी सीएम बनाया था। अब कहा जा रहा है कि जातिगत समीकरण साधने के लिए वो दो और डिप्टी सीएम नियुक्त करना चाहते हैं।
ये लगभग तय माना जा रहा है कि दो में से एक डिप्टी सीएम अनुसूचित जनजाति का होगा। बता दें येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से हैं। वह सभी प्रमुख जातियों को खुश कर अपना जनाधार भी बढ़ाना चाहते हैं। अगर दो में से एक एसटी और एक कुरुबा समुदाय का डिप्टी सीएम बन जाता है तो वह अपने पांच उप मुख्यमंत्रियों के जरिए ही राज्य की 70 फीसद आबादी को प्रतिनिधित्व दे देंगे।
इसलिए टाल दी दिल्ली यात्रा
येदियुरप्पा सरकार 11 बागी विधायकों और भाजपा के विधायकों में विभागों की बंटवारें को लेकर मंथन कर रहे है इसीलिए माना जा रहा है कि दिल्ली यात्रा को अगले हफ्ते तक के लिए टाल दी है, ताकि जब वहां जाएं तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से पांच डिप्टी सीएम समेत अन्य प्रस्तावों पर मुहर भी लगवाते आएं।
कर्नाटक पहला राज्य होगा जहा होगे 5 डिप्टी सीएम
अगर पार्टी अध्यक्ष येदियुरप्पा को और दो डिप्टी सीएम बनाने की अनुमति दे देते हैं तो पांच उप मुख्यमंत्रियों वाला भाजपा शासित कर्नाटक पहला राज्य होगा। इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पांच डिप्टी सीएम बनाए हैं। दरअसल डिप्टी सीएम को भी वो ही सारे अधिकार प्राप्त होते हैं जो एक मंत्री के होते हैं इसलिए डिप्टी सीएम से भले ही तमगा बढ़ जाता है लेकिन अधिकार एक मंत्री वाले ही होते हैं।
येदियुरप्पा से विधायकों की बढ़ गयी है उम्मीद
एचडी कुमारस्वामी को सत्ता से बेदखल करने के बाद येदियुरप्पा ने अपनी सरकार बनायी तो उन सभी विधायकों के लिए मंत्रिमंडल में जगह छोड़े रखा जिनकी बदौलत मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल हुई। येदियुरप्पा अपनी सरकार में 34 मंत्री बना सकते हैं। तब उन्होंने सिर्फ 17 मंत्री ही बनाये और 17 सीटें सुरक्षित रख दी।
उपचुनाव के नतीजे आते के तुरंत बाद ही येदियुरप्पा ने चुनाव जीतने वाले 12 बागी विधायकों में से 11 विधायकों को मंत्री बनाने का ऐलान भी कर दिया। लेकिन विधायकों को कुछ अधिक उम्मीद है, लिहाजा येदियुरप्पा का ये ऐलान भी उन्हें कम लग रहा है।
उपचुनाव में जीते हुए विधायकों की ये है मांग
17 में से दो सीटों का मामला अदालत में होने के कारण 15 सीटों पर ही उपचुनाव हुए। 5 में 12 बागी विधायक तो फिर से चुनाव जीत गये, लेकिन तीन पूर्व विधायक नागराज, विश्वनाथ और रोशन बेग चुनाव हार गये। चुनाव जीतने वाले विधायकों चाहते हैं कि सिर्फ 11 नहीं बल्की हारे हुए तीन विधायकों को भी नजरअंदाज न किया जाये। जिन विधायकों को मंत्री बनाने का वादा किया गया है उनकी भी डिमांड बड़ी ऊंची है। वे चाहते हैं कि मंत्री के तौर पर उन्हें समायोजित करने की जगह गृह, पीडब्लूडी, सिंचाई और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय उन्हें दिये जायें।
मांग मानने के लिए करनी पड़ेगी फेरबदल
गौरतलब है कि मौजूदा कैबिनेट में ऊर्जा मंत्रालय येदियुरप्पा ने अपने पास ही रखा है। पीडब्लूडी मंत्रालय पहले से ही गोविंद एम. करजोला के पास है। जेसी मधुस्वामी सिंचाई मंत्री हैं और गृह मंत्रालय बासवराज बोम्मई के पास है। विधायकों की मांग मानने का मतलब हुआ कि कैबिनेट में नये सिरे से फेरबदल हो।
भाजपा के विधायक अगर बागी हो गए तो
अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी में भी वैसा ही असंतोष का माहौल बनेगा जैसा कुमारस्वामी सरकार में हुआ था। फिर क्या होगा अगर बीजेपी के सीनियर विधायक ही बागी हो गये तो? वैसे भी कोई विधायक यूं ही बागी नहीं होता। इसलिए सरकार बच जाने के बाद भी येदियुरप्पा के लिए भविष्य में अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए हर कदम बहुत ही सावधानी से रखने की जरुरत है।
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