नन रेप- किसने बुलाया वेटिकन टीम को जांच के वास्ते
नई दिल्ली( विवेक शुक्ला) पश्चिम बंगाल के नादिया में हुए बेहद शर्मनाक नन रेप केस में वेटिकन की टीम आ रही है जांच के लिए। वेटिकन कैथोलिक ईसाइयों का धार्मिक केन्द्र। लेकिन प्रश्न है कि क्या बलत्कार की ऐसी घटना केवल भारत में हुई है? इसके पूर्व दूसरे देशों में ईसाई नन या धर्मालंबी बलात्कार की शिकार नहीं हुईं?
अप्राकृतिक यौन क्रिया
यहां तक कि अप्राकृतिक यौन क्रिया के भी न जाने कितनी घटनायें सामने आतीं हैं। कितने में वेटिकन की टीम जाती है? फिर भारत ही क्यों? क्या भारत की कानून व्यवस्था पर वेटिकन को विश्वास नहीं है?
हिन्दू-सिखों पर सितम
तो फिर जहां हिन्दुओं के साथ, सिखों के साथ अत्याचर होता है, उनकी हत्यायें होतीं हैं, हिन्दू, सिख महिलायें बलात्कार, जबरन शादी और धर्मपरिवर्तन का शिकार होतीं हैं वहां भारत इसी तरह मुखर क्यों नहीं होता? बंगलादेश, पाकिस्तान में हिन्दू, सिख्खों के साथ क्या हुआ है और क्या हो रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। भारत साहस क्यों नहीं करता?
वरिष्ठ लेखक अवधेश कुमार कहते हैं,बलात्कार की घटनायें पश्चिम के देशों में भी ज्यादा होतीं हैं। वे ज्यादातर ईसाई ही होते हैं। उनमें मिशनरियों में पढ़ाने वाली नन भी शामिल होतीं है। वेटिकन की टीम कितनी जगह जातीं हैं?
अवधेश कुमार कहते हैं कि यह भारत में घटा हुआ अपराध है। हमारी पुलिस और प्रशासन इसकी जांच कर दोषियों को सजा दिलवाने में सक्षम है। यह बात पश्चिम बंगाल एवं केन्द्र सरकार दोनों की ओर से कही जानी चाहिए थी कि हमें आपकी आवश्यकता नहीं।
हमारे यहां अपराध अपराध है। मजहब के आधार पर इसकी जांच या कानूनी प्रक्रिया नहीं चलती। यदि वेटिकन केवल मजहब के नाम पर सक्रिय हो सकता है। भारत क्यों नहीं हो सकता?