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दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के लिए इंडियन क्रिकेट टीम का चयन इस बार क्यों है दिलचस्प

दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पांच टी-20 मैचों और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम का चयन हुआ है. टीम में कुछ नए और कुछ बेहद पुराने चेहरों को जगह देने की क्या वजह रही.

By BBC News हिन्दी
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संजू सैमसन और हार्दिक पांड्या
BCCI/IPL
संजू सैमसन और हार्दिक पांड्या

आम तौर पर क्रिकेट टीम के चयन में विवाद और बहस की गुंजाइश उसी वक्त बनती है जब चयनकर्ताओं को दल में 14 या 15 खिलाड़ी चुनने पड़ते हैं, लेकिन साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टी-20 सिरीज़ के लिए चेतन शर्मा और उनके साथियों के पास डेढ़ दर्जन खिलाड़ियों को चुनने का मौक़ा था.

विकेटकीपर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ के तौर पर संजू सैमसन का टीम में नहीं होना हैरान करने वाला फ़ैसला दिखा.

ख़ास तौर पर ये देखते हुए कि कुछ ही महीने पहले ही टीम इंडिया के नए कप्तान रोहित शर्मा ने सैमसन के स्ट्रोक-प्ले की जमकर तारीफ़ करते हुए उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप की योजनाओं में एक अहम खिलाड़ी बताया था.

ये ठीक है कि सैमसन ने इस बार आईपीएल में अपने खेल में निरंतरता नहीं दिखाई लेकिन जिस दिन वो चलते हैं, वो मैच विनर की ही भूमिका निभाते हैं.

आंकड़ों के लिहाज़ से आईपीएल 2022 में ईशान किशन भले ही सबसे ज़्यादा रन बनाने वालों की सूची में टॉप 10 में चल रहे हैं और सैमसन 18वें नंबर पर हैं और शायद चयनकर्ताओं ने इसी बात को ज़्यादा अहमियत दी.

इसके अलावा किशन पिछले कुछ महीनों से टीम इंडिया की टी-20 टीम का नियमित हिस्सा हैं और उन्हें ऋषभ पंत के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. लेकिन सैमसन के साथ लंबे समय से हर चयनकर्ता ने एक बेरुख़ी वाला रवैया अख़्तियार किया हुआ है.

2015 में पहली बार टीम इंडिया के लिए टी-20 खेलने वाले केरल के इस बल्लेबाज़ को अगला मौक़ा 5 साल बाद श्रीलंका के ख़िलाफ़ मिला. साल की शुरुआत में तीन मैच खेलने के बाद सैमसन को फिर से खेलने का मौक़ा दिसंबर में मिला.

इसके फिर छह महीने बाद श्रीलंका के ख़िलाफ़ तीन मैच जुलाई 2021 में और फिर छह महीने के अंतराल के बाद दो मैच श्रीलंका के ख़िलाफ़ इस साल फ़रवरी में. ये तथ्य शायद ये कहने के लिए काफी हैं कि किसी भी कप्तान या फिर कोच या चयनकर्ताओं ने संजू सैमसन की योग्यता पर अब तक पूरा भरोसा नहीं दिखाया है.

https://twitter.com/WisdenIndia/status/1528347281459580930

संजू सैमसन
ANI
संजू सैमसन

'अपना टाइम आयेगा'

सैमसन के अलावा एक और खिलाड़ी जिसके टीम में नहीं होने पर हर किसी को हैरानी हुई, वो हैं महाराष्ट्र के राहुल त्रिपाठी. सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए इस सीज़न में त्रिपाठी ने अपने शानदार स्ट्रोक-प्ले और गेम-सेंस से हर किसी को प्रभावित किया है.

इस साल सबसे ज़्यादा रन बनाने वालों की सूची में टॉप 10 में राहुल (413) सिर्फ दूसरे ऐसे बल्लेबाज़ है जिन्होंने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का स्वाद नहीं चखा है.

कहने को तो उनकी ही टीम के अभिषेक शर्मा ने आईपीएल में 426 रन बनाये लेकिन त्रिपाठी के औसत (37.55) और स्ट्राइक रेट (158.23) के आगे अभिषेक तो क्या ईशान किशन और फ़ॉफ़ डूप्लेसी भी नहीं टिकते हैं जिन्होंने उनसे ज़्यादा रन बनाये हैं.

उमरान मलिक
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उमरान मलिक

जम्मू-कश्मीर के उमरान मलिक टीम में

भले ही त्रिपाठी का टाइम अभी भी नहीं आया हो लेकिन कश्मीर से आनेवाले रफ्तार के जादूगर उमरान मलिक और पंजाब के अर्शदीप सिंह का टाइम भारतीय क्रिकेट में आ चुका है.

और इसके लिए उनकी मदद सबसे ज़्यादा इस साल के आईपीएल के खेल ने की है. उमरान मलिक ने इस साल ना सिर्फ लगातार 14 मैचों में टूर्नामेंट की सबसे तेज़ गेंद फेंकने का रिकॉर्ड बनाया बल्कि अगर किसी एक खिलाड़ी ने सबसे ज़्यादा अपने हुनर से रोमांचित किया तो वो मलिक ही रहे.

वहीं दूसरी तरफ आईपीएल 2022 के एक और बेहद कामयाब गेंदबाज़ अर्शदीप की कहानी तो मलिक से बिल्कुल जुदा है. 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने वाले अर्शदीप तो बस खानापूर्ति वाले गेंदबाज़ के तौर पर थे क्योंकि उस टीम में कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी और ईशान पोरेल जैसे रफ्तार के जादूगर थे.

लेकिन, टीम इंडिया में जल्द से जल्द एंट्री लेने की रफ्तार के मामले में अर्शदीप ने कई दोस्तों को पछाड़ा है और ये भी सबक दिया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ तेज़ रफ्तार ही आपकी कामयाबी का पासपोर्ट नहीं बनती है.

अर्शदीप सिंह
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अर्शदीप सिंह

'आप मुझे भूले तो नहीं...'

आप मुझे भूले तो नहीं- टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने शीतल-पेय बनाने वाली एक कंपनी के विज्ञापन में क़रीब एक दशक से भी पहले ये बात कही थी. इसका इस्तेमाल आज दिनेश कार्तिक भी कर सकते हैं, और ये वाक्य भी शायद ज़्यादा प्रासंगिक लगे.

आईपीएल में 250 से ज़्यादा रन बनाने वाला कोई भी बल्लेबाज़ कार्तिक के स्ट्राइक रेट (191.33) के आसपास भी नहीं दिख रहा. लेकिन कार्तिक की वापसी में बात सिर्फ आंकड़ों और उनके बदलते हुए खेल की नहीं बल्कि हम सभी के लिए एक शानदार सबक की भी है, जिसे हम अपनी ज़िंदगी में आज़मा सकते हैं.

कार्तिक ने अपने समकालीन से लेकर भविष्य के खिलाड़ियों को भी ये संदेश दिया है अगर आपको अपनी योग्यता पर भरोसा है और आप मेहनत करने के लिए तैयार हैं, तो आपके सपनों को सच होने से कोई नहीं रोक सकता है.

तीन साल पहले 2019 वर्ल्ड कप के बाद कार्तिक जब टीम इंडिया से बाहर हुए थे, तो किसने सोचा होगा कि यही खिलाड़ी फिर से वापस भी लौट सकता है? किसी ने ये भी नहीं सोचा होगा कि 2007 की टी-20 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के इकलौते खिलाड़ी रोहित शर्मा के साथ अब उसी टीम के कार्तिक भी 2022 में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के साथ उड़ान भर सकते हैं.

अगर चयनकर्ताओं ने कार्तिक के अनुभव को अहमियत दी तो वहीं शिखर धवन जैसे बेहद अनुभवी और कामयाब ओपनर के लिए अब वो शायद उनकी बढ़ती उम्र का बहाना देखने लगे हैं.

दिनेश कार्तिक
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दिनेश कार्तिक

रहाणे और इशांत के करियर पर सवाल

नहीं तो क्या वजह है कि धवन को पिछले साल ऐसे ही हालात में (जब टेस्ट सीरीज़ के लिए अहम खिलाड़ी इंग्लैंड में मौजूद थे) श्रीलंका के दौरे पर कप्तानी दी गई थी, लेकिन इस बार उनके साथ ऐसा अलग रवैया अपनाया गया. आख़िर केएल राहुल को जिनका एक जुलाई से बर्मिंघम में होने वाले टेस्ट में ओपन करना तय है, उन्हें 19 जून तक भारत की बेतहाशा गर्मी में टी-20 खेलने के लिए क्यों छोड़ दिया गया?

साउथ अफ्रीका के लिए टी-20 मैचों के लिए 18 खिलाड़ियों के चयन में और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ इकलौते टेस्ट के लिए चुनी गई टीम की कुछ अहम बातों पर शायद ही बहुत सारे लोगों ने ग़ौर किया हो.

अंजिक्य रहाणे का टेस्ट करियर या यूं कहें एक तरह से अंतरराष्ट्रीय करियर ख़त्म होता दिख रहा है. रहाणे की जगह मुंबई के ही एक और बल्लेबाज़ श्रेयस अय्यर ने ली है. वहीं रहाणे की ही तरह पिछले कुछ सालों से रनों और शतक के लिए जूझ रहे चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में पहुंचकर एक के बाद एक दनादन तीन शतक बनाए हैं.

इसके बाद तो चयनकर्ताओं में इतना दम नहीं था कि वो एक साथ रहाणे और पुजारा दोनों को टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखा दें. हालांकि, मयंक अग्रवाल खुद को इंग्लैंड दौरे पर नहीं जाता देखकर मायूस होंगे लेकिन शुभमन गिल की दावेदारी उनसे ज़्यादा बेहतर है. टेस्ट के अलावा मौजूदा आईपीएल में भी गुजरात टाइटन्स के लिए गिल ने शानदार खेल दिखाया है.

रहाणे की ही तरह टेस्ट क्रिकेट के एक और चैंपियन खिलाड़ी ईशांत शर्मा को इंग्लैंड दौरे के लिए नहीं चुनकर चयनकर्ताओं ने दिल्ली के तेज़ गेंदबाज़ को भी भविष्य की योजनाओं के बारे में आगाह करा दिया है.

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English summary
Why the selection of Indian cricket team for South Africa and England is interesting this time
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