मोदी सरकार ने अब क्यों की पेट्रोल-डीजल की कीमत में कटौती, पढ़ें
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमत में प्रति लीटर 2.50 रुपए की कटौती के ऐलान के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, झारखंड और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 2.50 रुपए घटाने की घोषणा कर दी है। केंद्र और राज्य की कटौती के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत 5 रुपए घट जाएगी। महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के लिए निश्चित तौर पर यह राहत वाली बात है, लेकिन सवाल बस एक ही उठ रहा है कि आखिर सरकार ने इतना समय बाद क्यों फैसला लिया और इस फैसले के पीछे कारण क्या हैं?
सबसे पहले फैसले में देरी से जुड़े कारण पर गौर करते हैं। केंद्र सरकार ने कड़ी आलोचना के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने का फैसला लेने में दो कारणों के चलते देरी की। पहला- सरकार को शुरुआत दौर में लगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत कुछ समय बाद कम हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दूसरा- पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमत से जनता को चुनाव से ठीक पहले राहत देना का राजनीतिक फायदा भी एक वजह हो सकती है।
क्यों घटाई केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें
- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पेट्रोल-डीजल की वजह से लगातार महंगाई की मार आम जनता पर पड़ रही थी। पेट्रोल-डीजल का महंगा होना अपने आप में बड़ी मार है, लेकिन इसके अन्य प्रभाव भी हैं। इसकी वजह से खाने-पीने की चीजों समेत अन्य सामानों की माल ढुलाई बढ़ जाती है।
-मतलब जितना ज्यादा पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ेगी, उतनी ही महंगाई भी बढ़ेगी। रुपया भी कमजोर होगाा। आरबीआई को बहुत ब्याज दर बढ़ानी पड़ेगी। मतलब ब्याज दर ज्यादा बढ़ेगी तो लोगों को कर्ज लेने में दिक्कत होगी और लोगों को कर्ज लेने में दिक्कत का सीधा मतलब हुआ कि ग्रोथ पर बुरा असर पड़ेगा।
-रुपया गुरुवार को 73.82 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच गया। रुपए की जितनी कीमत घट रही है, सरकार को उतना ही तेल खरीदना महंगा पड़ रहा है। हालांकि, सरकार अपने स्तर पर कदम उठा रही है, इसमें शक नहीं है, लेकिन अर्थव्यवस्था का इतना गणित मतदाता को समझ नहीं आता है। उसे तो बस इतना पता है कि किस सरकार के राज में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम थी या किसके राज में कीमत ज्यादा रहीं।
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