इस स्कूल में छुट्टी होने के बाद भी घर नहीं जाते छात्र, जानिए वजह
नई दिल्ली। आमतौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि स्कूल बंद हो जाने के बाद सभी बच्चे अपने घर चले जाते हैं। दिनभर पढ़ाई करने के बाद उनके पास उतनी एनर्जी भी नहीं बची रहती है कि वो कहीं और जाएं। लेकिन दिल्ली के मुखर्जी नगर के इस स्कूल के छात्र घर नहीं जाते हैं। छात्र नियमित रूप से उस स्कूल में जाता है। छात्र का नाम है सुमित राज। सुमित का स्कूल दोपहर 2 बजे बंद हो जाता है उसके बाद वो स्कूल में ही रहता है। आखिर क्यों ये जान लीजिए।
'इंजीनियरिंग के लिए पागल हूं'
इस संबंध में सुमित राज ने बताया है कि 'मैं इंजीनियरिंग के बारे में पागल हूं', इस स्कूल में 3-4 घंटे बिताता हूं और इलेक्ट्रॉनिक्स के बुनियादी चीजों को सीखने का प्रयास करता हूं। जो कि काफी मजेदार लगता है। सुमित कहते हैं कि ये छात्र 'क्रिएटिविटी एडा' के लिए भागते हैं, स्कूल के अलावा यह एक वैकल्पिक स्थान जहां बच्चे अन्य कौशल को निपुण करने के लिए स्वतंत्र हैं और नए नए चीजों पर काम करते हैं। वो भी सब कुछ मुफ्त में।
क्या होता है क्रिएटिविटी अड्डा?
दरअसल क्रिएटिविटी अड्डा जिसको कि हम रचनात्मकता अडा भी कहते हैं ये एक ऐसी जगह होती है जहां बच्चों को अपने जुनून को निर्धारित करने की स्वतंत्रा होती है कि वो जीवन में क्या करना चाहते हैं। स्कूल के घंटों के बाद, बच्चे जो कुछ भी चाहते हैं वह यहां करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। वैकल्पिक शिक्षा मॉडल के सह-संस्थापक आशीष कुमार तिवारी, ने इसे इनयूथ के रूप में संबोधित किया है। इस क्रिएटिविटी अड्डे की शुरुआत नगर निगम की सीएसआर पहले और शिक्षार्थक नामक की ओर से संयुक्त पहल है। जो कि वैकल्पिक शिक्षा को बढावा देता है। इसे तीन साल पहले पुरानी दिल्ली के दरया गंज इलाके में शुरू किया गया था।
क्या-क्या सुविधाएं हैं?
वैकल्पिक शिक्षा के लिए शुरू किए गए इस क्रिएटिविटी अड्डा में एक सामुदायिक मीडिया लैब है। जहां छात्र फोटोग्राफी के अलावा फिल्म कैसे बनाई जाती ये है, सीखते हैं। इसके अलावा खाने पकाने के बारे में भी सीखाया जाता है। डिजाइन स्टूडियो एंड मेकर्स स्पेस है जहां बच्चे रोबोटिक्स, ऑडियो और इलेक्ट्रॉनिक लैंप आदि बनाने के बारे में सीखते हैं। इसके साथ-साथ घरेलू उपकरणं की मरम्मत करन के लिए भी लैब है। खेल और फिटनेस केंद्र है जहां बच्चे टेलब, टेनिस, कैरन, स्केटिंग आदि जैसे खेल खेलते हैं। अंत में संगीत, नृत्, कला अकादमी की भी व्यवस्था की गई है जहां छात्र इसके बारे में सीखते हैं।