अस्पतालों में तड़प रहे मरीज, क्यों राज्य एक-दूसरे की ऑक्सीजन सप्लाई में डाल रहे बाधा?
नई दिल्ली, 23 अप्रैल: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भयानक रूप ले लिया है, जिस वजह से गुरुवार को दूसरे दिन भी तीन लाख से ज्यादा मरीज सामने आए। इस बार कोरोना वायरस सीधे फेफड़ों पर हमला कर रहा है, जिस वजह से तुरंत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही, लेकिन अस्पतालों में बेड नहीं खाली। वहीं जो मरीज अस्पताल में किसी तरह भर्ती भी हुए, उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। इस मुश्किल वक्त में राज्यों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा, क्योंकि कई राज्यों में अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन के बीच तनातनी से मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।
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गुरुवार को अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि एयर लिक्विड पानीपथ प्लांट के बाहर हमारा ऑक्सीजन टैंकर खड़ा है। जिसे अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। हरियाणा पुलिस ने उसे रोक रखा है और वो हरियाणा से ऑक्सीजन नहीं निकलने दे रहे हैं। इस मामले में तुरंत मदद की जरूरत है। इस ट्वीट के साथ उन्होंने पीएम ऑफिस समेत कई केंद्रीय मंत्रियों को टैग किया। हालांकि बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले में हस्ताक्षेप किया और तब जाकर ये मामला सुलझा। इसके अलावा सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की गई। जिसमें साफ निर्देश दिए गए कि राज्य ऑक्सीजन टैंकर की सप्लाई को किसी भी तरह से ना रोकें।
वहीं दिल्ली ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर काफी परेशान है, क्योंकि वहां पर एक भी प्लांट नहीं है। राजधानी को इस मामले में उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर निर्भर रहना पड़ता है। बुधवार को जब मामला हद से आगे बढ़ गया तो मैक्स हॉस्पिटल को दिल्ली हाईकोर्ट से मदद की गुहार लगानी पड़ी। अपनी याचिका में अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि अगर जल्द ही ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक ढंग से शुरू नहीं हुई तो उनके 1400 मरीजों को दिक्कत हो सकती है। इसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र को किसी भी तरह से मैक्स को ऑक्सीजन देने का आदेश दिया। इसी तरह का मामला लेकर रोहिणी सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंचा।
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देश
में
कितना
उत्पादन?
अगर
आप
सोच
रहे
हैं
कि
ये
हालात
सिर्फ
दिल्ली
में
हैं
तो
आप
गलत
हैं।
देश
के
अन्य
राज्यों
के
हाईकोर्ट
में
भी
इसी
तरह
की
याचिकाएं
दायर
की
जाने
लगी
हैं।
मामला
इतना
बढ़
गया
कि
गुरुवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
मामले
में
संज्ञान
लिया।
आपको
ये
बात
भी
जानकर
हैरानी
होगी
कि
भारत
में
ऑक्सीजन
की
कमी
नहीं
है,
बस
सप्लाई
चेन
में
बाधा
की
वजह
से
ये
दिक्कत
आ
रही
है।
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
भारत
की
रोजाना
ऑक्सीजन
उत्पादन
क्षमता
7000
मिट्रिक
टन
है,
जबकि
इन
दिनों
मेडिकल
ऑक्सीजन
की
खपत
8000
मिट्रिक
टन
है।
इसके
अलावा
50
हजार
मिट्रिक
टन
ऑक्सीजन
को
रिजर्व
में
रखा
गया
है,
जिसमें
औद्योगिक
ऑक्सीजन
भी
शामिल
है।
इस
आंकड़े
से
ये
बात
साफ
है
कि
भारत
में
ऑक्सीजन
की
कमी
नहीं
है,
बस
सप्लाई
सही
नहीं
होने
से
कुछ
राज्यों
को
दिक्कत
आ
रही
है।