गांधी परिवार की SPG सुरक्षा क्यों हटाई गई? जानिए वजह
नई दिल्ली- शुक्रवार को केंद्र सरकार ने गांधी परिवार के तीन सदस्यों से एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी देने का फैसला किया है। कांग्रेस मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर बवाल काट रही है। लेकिन, बात ये सामने आ रही है कि गांधी परिवार के तीनों सदस्यों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अनेकों मौकों पर एसपीजी के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसलिए, केंद्र सरकार ने उनको करीब 28 वर्षों से मिली इस वीवीआईपी सुरक्षा को वापस लेने का फैसला किया है। इससे पहले करीब ढाई महीने पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी सरकार ने वापस ले ली थी। हालांकि, उनके बारे में कहा गया था कि उनपर मंडराने वाले खतरे के आकलन के बाद ये फैसला लिया गया है। आइए जानते हैं कि सोनिया, राहुल और प्रियंका की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने की क्या वजह बताई जा रही है।
राहुल से एसपीजी सुरक्षा छीने जाने की वजह
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2005 से 2014 के दौरान 18 मौकों पर देश के विभिन्न हिस्सों में नॉन-बीआर (बुलेट रेसिस्टेंट) वाहनों का इस्तेमाल किया। लेकिन, 2015 के बाद उन्होंने दिल्ली में 1892 बार और दिल्ली से बाहर 247 बार ऐसे वाहन का उपयोग किया जो बुलेट रेसिस्टेंट नहीं था। इसके अलावा भी राहुल ने कई मौकों पर एसपीजी के मानकों का उल्लंघन किया। मसलन,
- 4 अगस्त, 2017 को एसपीजी के अधिकारियों की सलाह को ठुकराकर उन्होंने नॉन-बीआर (बुलेट रेसिस्टेंट) वाहन में पूरे बनासकांठा (गुजरात) शहर का दौरा किया। यहां पर वह जिस नॉन-बीआर (बुलेट रेसिस्टेंट) कार में बैठे हुए थे, उसपर पत्थरबाजी की घटना भी हुई थी, जिसमें एसपीजी का एक पीएसओ जख्मी हो गया था।
- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ दफे गाड़ी की छत पर बैठकर भी यात्रा की, जो कि मोटर व्हीकल कानून का उल्लंघन और सुरक्षा सलाह के खिलाफ था।
- हाल ही में संसद के सत्र में गृह मंत्री ने लोकसभा को बताया था कि राहुल गांधी ने 2015 से 2017 के बीच 121 यात्राओं में से 100 बार एसपीजी की बुलेट रेसिस्टेंट गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं किया।
- 1991 से राहुल गांधी ने 156 विदेश यात्रायों में से 143 बार एसपीजी सुरक्षा कवर लेने से इनकार किया। उन्होंने पिछले 5 वर्षों में अपनी सभाओं में एसपीजी का नाम भी घसीटने की कोशिश की।
सोनिया गांधी से क्यों वापस ली गई एसपीजी सुरक्षा ?
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष और राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी के बारे में भी कहा जा रहा है कि उन्होंने कई बार एसपीजी के नियमों की अनदेखी की।
- 2015 से 2019 के बीच उन्होंने 50 मौकों पर नई दिल्ली में कहीं भी जाने के लिए एसपीजी की बुलेट रेसिस्टेंट गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया।
- इस दौरान उन्होंने देशभर में 13 यात्राओं में एसपीजी की बुलेट रेसिस्टेंट गाड़ी का उपयोग नहीं किया और वे यात्राएं पहले से निर्धारित भी नहीं थीं।
- 2015 से 2019 के बीच 24 विदेश यात्राओं में वो अपने साथ एसपीजी के अधिकारियों को नहीं ले गईं।
प्रियंका गांधी ने क्या किया?
एसपीजी के निर्धारित मापदंडों के उल्लंघन की शिकायत प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी है।
- 5 वर्षों में प्रियंका ने एसपीजी की सलाह को दरकिनार कर दिल्ली में 339 बार नॉन-बीआर (बुलेट रेसिस्टेंट) गाड़ियों का इस्तेमाल किया, जबकि दिल्ली से बाहर भी उन्होंने 64 बार यही काम किया।
- 1991 के बाद से अपनी 99 विदेश यात्राओं में उन्होंने सिर्फ 21 बार एसपीजी कवर लिया, जबकि 78 मौकों पर उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया।
- 2014 से 2019 के बीच प्रियंका गांधी वाड्रा ने एसपीजी के खिलाफ उनकी गोपनीय जानकारी जुटाने और उसे अनाधिकृत लोगों के साथ साझा करने का आरोप भी लगाया।
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