क्यों पुलवामा का जिक्र नहीं कर पाए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान?
नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान नई दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर सऊदी क्राउन प्रिंस का ग्रैंड वेलकम किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच सिक्योरिटी से लेकर निवेश तक कुल पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पीएम मोदी ने बुधवार को सऊदी क्राउन प्रिंस के साथ ज्वॉइंट प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह पूरे दुनिया के लिए खतरा की निशानी है। इस दौरान बिन सलमान ने आतंकवाद का जिक्र तो किया, लेकिन अपने मित्र देश पाकिस्तान का बिना नाम लेते हुए कहा कि यह सभी के लिए चिंता का विषय है।
सऊदी
की
जरुरत
है
पाकिस्तान
जब
से
इमरान
खान
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
बने
हैं,
तभी
से
वे
अपने
देश
की
अर्थव्यवस्था
को
पटरी
पर
लाने
में
जुटे
हैं।
पिछले
आठ
महीनों
में
इमरान
खान
को
अब
तक
सऊदी
अरब
ने
सबसे
अधिक
आर्थिक
मदद
दी
है।
भारत
आने
से
पहले
सऊदी
क्राउन
प्रिंस
मोहम्मद
बिन
सलमान
अपने
दो
दिन
के
दौरे
के
लिए
पाकिस्तान
पहुंचे
थे,
जहां
उन्होंने
20
बिलियन
डॉलर
के
निवेश
करने
पर
सहमति
व्यक्त
की
है।
सऊदी-पाकिस्तान
ने
दशकों
से
एक
धार्मिक
पहचान
को
साझा
करते
हैं।
पाकिस्तानी
सैनिक
पिछले
कई
सालों
से
सऊदी
शाही
परिवार
की
हिफाजत
की
है।
वहीं,
जब
से
अमेरिका
ने
ईरान
के
साथ
न्यूक्लियर
डील
कैंसिल
की
है,
सऊदी
और
पाकिस्तान
ज्यादा
नजदीक
आए
हैं।
मीडिल
ईस्ट
में
अपने
दुश्मन
ईरान
को
काउंटर
करने
के
लिए
सऊदी
शुरू
से
पाकिस्तान
का
इस्तेमाल
करता
रहा
है।
क्राउन
प्रिंस
ने
नहीं
लिया
पुलवामा
का
नाम
ज्वॉइंट
प्रेस
कांफ्रेंस
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
पुलवामा
हमले
का
जिक्र
करते
हुए
आतकंवाद
को
पूरी
दुनिया
के
लिए
खतरा
बताया।
इस
दौरान
क्राउन
प्रिंस
ने
आतंकवाद
का
जिक्र
तो
किया,
लेकिन
उन्होंने
पुलवामा
या
पाकिस्तान
का
नाम
नहीं
किया
और
शायद
भारत
को
इससे
हैरानी
भी
नहीं
हो
सकती।
बिन
सलमान
ने
कहा
कि
भारत
की
तरह
सऊदी
भी
चरमपंथ
और
आतंकवाद
को
झेल
रहा
है।
उन्होंने
कहा
कि
वे
आतंकवाद
के
खिलाफ
लड़ने
और
भारत
के
सहयोग
करने
के
लिए
सऊदी
अरब
तैयार
है।
आर्मी स्ट्राइक में पाक से दूर रहे सऊदी
सऊदी के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण देश हो सकते हैं। सऊदी जैसा देश दोनों देश के साथ अपने रिश्तों को संतुलन बनाए रखना चाहता है। ज्वॉइंट प्रेस कांफ्रेंस में पुलवामा हमले का जिक्र कर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को भारत यह एहसास दिलाना चाहता है कि उनके लिए आतंकवाद और पाकिस्तान दोनों ही कैसे नासूर बन चुके हैं। अपनी कूटनीतिक रिश्तों से भारत साथ ही सऊदी अरब को कहीं न कही यह भी संकेत देने की कोशिश में है कि भविष्य में अगर पाकिस्तान के ऊपर नई दिल्ली किसी भी स्ट्राइक को अंजाम दे, तो किंगडम उससे बिल्कुल दूर रहे।