नियम एक बार पेरोल का और संजय दत्त को मिली तीन बार
मुंबई।
शुक्रवार
को
खबर
आई
कि
महाराष्ट्र
सरकार
की
ओर
से
एक
पैनल
बनाया
गया
है
जो
इस
बात
की
जांच
करेगा
कि
संजय
दत्त
को
कैसे
फर्लो
पर
पेरोल
मिली
और
कैसे
वह
इस
बार
फिर
से
जेल
से
बाहर
आ
गए।
हर बार कैसे मिलती है पेरोल
आइए आपको बताते हैं कि वह कौन-कौन से नियम हैं जिनके तहत किसी सजायाफ्ता कैदी को पेरोल मिल सकती है और कैसे संजय दत्त के लिए पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष फिर से नियमों को ताक पर रख दिया गया है।
ऐसा लगता है कि संजय दत्त के प्रभावशाली व्यक्तित्व की वजह से उनको पिछले बार की तरह इस बार भी क्रिसमस की छुट्टियों के लिए पेरोल पर रिहा कर दिया गया। देश में सिर्फ 228 एप्लीकेशंस पर ही पेरोल ग्रांट की गई है।
पेरोल किसी भी आरोपी को सिर्फ एक ही बार ग्रांट होती है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर 150 एप्लीकेशंस में से सिर्फ आठ को ही इसका फायदा मिल सका है। संजय दत्त को तो सिर्फ डेढ़ साल के अंदर तीन बार पेरोल ग्रांट किया जा चुका है।
सवाल यह है कि आखिर संजय दत्त को हर बार पेरोल कैसे मिल जाती है। उत्तर प्रदेश के धर्मवीर वर्सेज राज्य के केस में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि किसी भी कैदी को एक वर्ष में सिर्फ दो हफ्तों के लिए ही पेरोल पर रिहा किया जा सकता है।
क्यों मिलती है पेरोल
- पेरोल सिर्फ कुछ समय के लिए ही होती है।
- जेल मैन्युल में पेरोल ग्रांट करने से जुड़ी कुछ खास परिस्थितियों का जिक्र होता है।
- लगातार जेल में रहने की वजह से उन्हें बुरे प्रभाव से बचाने के लिए।
- कैदियों को पारिवारिक जीवन के करीब रखने और परिवार से जुड़े मुद्दों में उनकी संलिप्तता के लिए।
- कैदियों में आत्मविश्वास की बढ़ोतरी और जिंदगी में उनका उत्साह बरकरार रखने के लिए।
किन स्थितियों में मिलती है पेरोल
- पूरी तरह से या फिर आशिंक तौर पर नेत्रहीन कैदी।
- एडवांस्ड पलमोनरी टीबी।
- अगर कैदी बहुत ही बुरी तरह से बीमार है और उसे इलाज के लिए जेल से बाहर लाने की जरूरत है।
- अगर कैदी का मानसिक संतुलन खो चुका हो और उसे इलाज के लिए मानसिक अस्पताल ले जाने की जरूरत हो।
- अपने परिवार के किसी सदस्य के मरने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए।
- अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार है तो।
- घर निर्माण के लिए या फिर घर की मरम्मत के लिए।
क्या हैं आंकड़ें
- पिछले चार वर्षों के आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो भारत में इस समय करीब 4149 एप्लीकेंशस हैं जिसमें पेरोल की मांग की गई है।
- 230 एप्लीकेशंस में पेरोल ग्रांट की गई है। बाकी एप्लीकेशंस या जो खारिज कर दी गई या फिर वह अभी तक अथॉरिटीज के सामने पेडिंग पड़ी हुई हैं। महाराष्ट्र में इस समय करीब 164 एप्लीकेशंस पेरोल से जुड़ी हुई हैं।
- इनमें से करीब 30 एप्लीकेशंस ऐसी हैं जिन्हें 60 वर्ष की उम्र से ज्यादा उम्र के कैदियों ने फाइल किया है।
- अभी तक 164 में से सिर्फ नौ पर ही कोई निर्णय लिया गया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यह कहा है कि पेरोल सिर्फ मानवीय वजहों को आधार बनाकर ही ग्रांट की जानी चाहिए।
- साथ ही जिन्हें पेरोल मिली है, उन पर बराबर नजर रखी जाए।
- वर्ष 2005 से करीब 198 कैदी ऐसे हैं जिन्होंने पेरोल पर रिहा होने के दौरान कोई अपराध किया।
मनु शर्मा को नहीं मिलेगी पेरोल
जेसिका लाल मर्डर केस के मुख्य दोषी मनु शर्मा का दोष साबित होने के बाद ही उसे कुछ दिनों के अंदर पेरोल पर रिहा किया गया था। पेरोल पर बाहर आने के बाद वह एक बार में हुए झगडे़ में फंस गया था। ऐसे में उसने पेरोल के नियमों को उल्लंघन किया था और अब उसकी सजा पूरी होने तक उसे पेरोल नहीं दी जाएगी।