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छात्रों को फेल कर देते हैं, तो सचिन तेंदुलकर को क्यों नहीं?

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Why Sachin Tendulkar getting special treatment in Parliament?
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। देश के तमाम विश्वविद्यालयों व संस्थानों में अगर छात्र की उपस्थ‍िति 50 फीसदी से कम होती है, तो उसे इम्तहान में बैठने नहीं दिया जाता है। कई बार तो मात्र अटेंडेंस कम होने की वजह से छात्र को फेल कर दिया जाता है! क्या यह नियम हमारे सांसदों पर लागू नहीं हो सकता? अरे दूर क्यों जाते हैं, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को ही ले लीजिये। वर्तमान में चल रहे संसद सत्र में सचिन को एक बार भी आने की फुरसत नहीं मिली।

भारत रत्न सचिन तेंदुलकर को अभी तक इस चालू साल के दौरान संसद में एक बाऱ भी आने की फुर्सत नहीं मिली है। वे चैरिटी मैच खेल ऱहे हैं, कबड़्डी की प्रतियोगिताओं में मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं और विभिन्न कंपनियों के ब्रांड एंबेसेडर बन रहे हैं,पर संसद आने के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे है।

2012 में नामित हुए

सरकार ने उऩ्हें जून, 2012 में राज्य सभा के लिए नामित किया गया था। तब उम्मीद थी कि वे संसद की कम से कम खेलों से जुड़ी बहसों में भाग लेंगे। सरकार को भी उम्मीद थी कि सचिन सांसद के रूप में सक्रिय रहेंगे। पर उन्होंने निराश ही किया।

राजधानी के वरिष्ठ खेल पत्रकार धर्मेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि सचिन तेंदुलकर से यह उम्मीद नहीं थी कि वे सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाएंगे। उन्हें कम से कम संसद के सत्र के दौरान जरूर आना चाहिए। वे कहते हैं कि कायदे से तो उन्हें भारत रत्न का सम्मान मिलने के बाद ही अपने को ब्रांड एंबेसेडर वगैरह के काम से दूर कर लेना चाहिए था। पर वे पैसा कमाने के चक्कर में फंसे रहे। उनका आचरण उनके कद के अनुसार नहीं रहा।

एक भी बहस में भाग नहीं लिया

इस बीच, संसद के एक आला अफसर ने बताया कि सचिन ने पिछले साल 2013 में भी सिर्फ तीन बार संसद की कार्यवाही में भाग लेने का वक्त निकाला था। उन्होंने कभी किसी बहस में भाग लेने में भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।

क्यों है यह भेदभाव

खबर की शुरुआत में हमने सचिन की तुलना छात्रों से यह कहकर की थी, कि अटेंडेंस तो अटेंडेंस होती है, फिर चाहे वो सांसद हो या छात्र। अगर किसी अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आता है, टीचर पढ़ाता नहीं है, वकील निर्धारित डेट पर कोर्ट नहीं पहुंचता है, इंजीनियर साइट का जायजा नहीं लेने आता है तो हर जुबान उन्हें जली कटी सुनाने लगती है। तो आज जब बात सांसद की आयी, तो किसी की जुबान क्यों नहीं खुल रही है?

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English summary
Being a member of parliament, cricketer and master blaster Sachin Tendulkar has no time to attend parliament.
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