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नक्‍सलियों को लेकर इतने नरम क्‍यों हैं राजनाथ सिंह?

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नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। चुनाव से पहले बिहार के विकास के लिए वचनबद्ध होने की बात कहने और स्‍पेशल पैकेज का ऐलान करने वाली केंद्र सरकार ने अब मानों बिहार से मुंह ही मोड़ लिया है। बिहार के योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के मुताबिक केंद्र सरकार की अनदेखी के कारण बिहार को 20 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जहा केंद्र सरकार ने बिहार की योजना में कटौती नहीं की हो।

Why Rajnath Singh so soft on Naxalites?

इन सबमें जो सबसे अहम है वो ये है कि उग्रवाद प्रभावित जिले के लिए केन्द्रीय सहायता में 1,500 करोड़ काटे गये। अब सवाल यह उठता है कि क्‍या गृह मंत्रालय उग्रवादियों और नक्‍सलियों को लेकर गंभीर नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं कि उग्रवादियों की शांति को राजनाथ सिंह ऑल इज वेल मान कर चल रहे हों। अगर ऐसा है तो उन्‍हें 6 साल पहले की आज की ही तारीख याद कर लेनी चाहिए। जी हां 6 अप्रैल 2010 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में मकराना के जंगलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टुकड़ी पर हमला किया था।

इस हमले में 76 जवान शहीद हुए थे। तो आईए पूर्व में हुए कुछ बड़े उग्रवादी हमलों के बारे में बताते हैं:

  • 8 मई 2010: बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के बुलेट प्रूफ वाहन को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया, 7 जवानों की मौत हो गई।
  • 16 मई 2010: राजनांदगांव के तेरेगांव के नजदीक नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में सरपंच सहित छह ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया।
  • 17 मई 2010: सुकमा से दंतेवाड़ा जा रही एक यात्री बस को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था। इस हमले में 50 यात्रियों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 20 विशेष पुलिस अधिकारी [एसपीओ] भी थे।
  • 20 जून 2008: उड़ीसा के बालीमेला जलाशय में नक्सलियों ने एक नाव पर सवार चार विशेष पुलिस अधिकारियों व 60 ग्रेहाउंड कमांडो पर हमला किया था। 38 जवान मारे गए थे।
  • 16 जून 2008: उड़ीसा के मलकानगिरी जिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर पुलिस वैन को उड़ गया था। 21 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।
  • 13 अप्रैल 2009: उड़ीसा के कोरापुट जिले में बाक्साइट की एक खान पर हमला था। अ‌र्द्धसैनिक बल के 10 जवान शहीद।
  • 22 मई 2009: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के जंगल में 16 पुलिसकर्मियों की हत्या।
  • 10 जून 2009: झारखंड के सारंदा के जंगलों में नियमित पेट्रोलिंग के दौरान सुरक्षा बलों पर हम ला। नौ पुलिसकर्मी मारे गए, जिसमें सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे।
  • 13 जून 2009: झारखंड में बोकारो के पास एक छोटे से कस्बे में बारूदी सुरंग की चपेट में आकर 10 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
  • 27 जुलाई 2009: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर छह लोगों की हत्या।
  • 26 सितंबर 2009: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के परागुडा गांव में भाजपा सांसद बलिराम क श्यप के बेटे की हत्या कर दी।
  • 8 अक्टूबर 2009: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस चौकी पर हमला। 17 पुलिसकर्मी मारे गए।
  • 15 फरवरी 2010: पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सिलदा में एक पुलिस कैंप पर हमला। इस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स के 24 जवान शहीद।
  • 4 अप्रैल 2010: उड़ीसा के कोराटपुर जिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर नक्सल विरोधी विशेष बल के 11 जवानों की हत्या कर दी।
  • 6 अप्रैल 2010: अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक पुलिसकर्मी सहित सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद।
  • 8 मई 2010: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बुलेटप्रूफ वाहन उड़ाया। सीआरपीएफ के आठ जवान मारे गए।
  • 16 मई 2010: राजनांदगांव के तेरेगांव के नजदीक नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में सरपंच सहित छह ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया।
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English summary
On the anniversary of Dantewada Naxal Attack, Oneindia is raising question against Home Minister Rajnath Singh, why government is so soft on Naxalites?
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