प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में Indian Breed के Dogs के बारे में क्यों की विस्तार से चर्चा, जानिए
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में सेना, सुरक्षाकर्मियों, पुलिस और डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स से जुड़े कई डॉग्स की बहादुरी के कारनामों पर दिल खोलकर बात की है। उन्होंने विभिन्न डॉग्स स्क्वॉयड में शामिल इन जांबाज किरदारों की वीरता तो बयां की ही है, उनकी शहादतों को भी सलाम किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ डॉग्स के भावुक किस्सों को याद करते हुए यह विस्तार से बताया है कि भारतीय नस्ल के डॉग्स भी जोखिम भरे कार्यों को सहजता से सफलतापूर्वक पूरा करने में किस तरह से सक्षम हैं। उन्होंने कई भारतीय नस्ल के डॉग्स की खूबियां गिनाते हुए, डॉग प्रेमी देशवासियों को उन नस्लों को भी पालने का आह्वान किया है, ताकि देश इस क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन सके।
'मन की बात' में जांबाज डॉग्स की बहादुरी के किस्से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में सेना, विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों और पुलिस से जुड़े कुछ अहम किरदारों की जांबाजी के किस्से देशवासियों के साथ साझा किए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कई डॉग्स का नाम लेकर उनके बलिदानों और गौरव गाथाओं की खुलकर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि, "हमारी सेनाओं में, हमारे सुरक्षाबलों के पास ऐसे, कितने ही बहादुर श्वान हैं... डॉग्स हैं जो देश के लिए जीते हैं और देश के लिए अपना बलिदान भी देते हैं। कितने ही बम धमाकों को, कितनी ही आंतकी साजिशों को रोकने में ऐसे डॉग्स ने बहुत अहम भूमिका निभाई है।" पीएम मोदी ने इस संबंध में कुछ बहादुर डॉग्स का नाम भी लिया और उनकी बहादुरी कहानी भी बताई। पीएम मोदी ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए जिन वीर डॉग्स का नाम लिया, उनमें सोफी, विदा, रॉकी, बलराम,भावना और क्रैकर जैसे डॉग्स शामिल हैं।
अदम्य साहस का परिचय दे चुके हैं कई डॉग्स
पीएम मोदी ने बताया कि सोफी और विदा इंडियन आर्मी के डॉग्स हैं, जिन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया है। इन दोनों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। फिर उन्होंने बलराम नाम के डॉग का किस्सा सुनाया जिसने 2006 में अमरनाथ यात्रा के रास्ते में बहुत भारी मात्रा में गोला और बारूद पकड़ा था। डॉग भावना का जिक्र किया, जिसने 2002 में शहीद होकर भी आईईडी का पता लगा लिया। कुछ साल पहले सीआरपीएफ का स्निफर डॉग क्रैकर ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में आईईडी धमाके में शहादत दे दी। उन्होंने महाराष्ट्र के बीड पुलिस के सहयोगी रॉकी की भी चर्चा की जिसे हाल ही में पूरे सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई थी। उसने 300 से ज्यादा मामलों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी।
इंडियन ब्रीड के डॉग्स को पीएम ने सराहा
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भारतीय नस्ल के डॉग्स की काबिलियत पर भी खुलकर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि " इंडियन ब्रीड के डॉग्स भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं। इंडियन ब्रीड्स में मुधोल हाउंड हैं, हिमाचली हाउंड है, ये बहुत ही अच्छी नस्लें हैं।.....राजापलायम, कन्नी, चिप्पीपराई, और कोम्बाई भी बहुत शानदार इंडियन ब्रीड्स हैं।" प्रधानमंत्री के मुताबिक देसी माहौल में ढले होने की वजह से इनको पालने में खर्च भी बहुत काम आता है। यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां अब भारतीय नस्लों को अपनी सुरक्षा दस्ते में जगह दे रही हैं।
देसी नस्ल के डॉग्स को भी मिल रही है सुरक्षा बलों में जगह
मन की बात में पीएम मोदी ने ये भी जानकारी दी कि पिछले कुछ समय में सेना, सीआईएसएफ, एनएसजी ने अपने डॉग्स स्क्वॉयड में ट्रेनिंग देकर देसी नस्ल को शामिल भी किया है। सीआरपीएफ ने कोंबाई नस्ल को जगह दी है। यही नहीं इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च भी भारतीय नस्ल के डॉग्स पर रिसर्च कर रही है। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई डॉग पालने की सोचें तो देसी नस्ल को जरूर मौका दें। इनके हुनर देखकर लोग हैरान हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि जब देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है तो यह क्षेत्र ही क्यों छूटना चाहिए।
डिजास्टर मैनेजमेंट के दौरान भी निभाते हैं अहम रोल
यही नहीं उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट, रेस्क्यू मिशन में डॉग्स की भूमिका की भी चर्चा की। उनके मुताबिक नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स- एनडीआरएफ ने ऐसे दर्जनों डॉग्स इन्हीं कार्यों के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित किया है। क्योंकि मलबों से जीवित लोगों को खोजने में ये बहुत ही माहिर होते हैं। (डॉग्स की सभी तस्वीर सांकेतिक है,केवल दूसरी तस्वीर रॉकी की है-सौजन्य: ट्विटर)
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