क्यों जेएनयू की जगह अब पीएम मोदी को करनी होगी कश्मीर की चिंता!
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने एक अहम बयान के तहत यह कहा है कि पाकिस्तान की सेना आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को समर्थन देती है।
उनके बयान से साफ है कि कैसे इस वजह से घाटी में माहौल को बिगाड़ने में पाकिस्तान एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
घाटी के लिए रेडी लश्कर का प्लान
जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बयान पर देश की सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को ध्यान देने की जरूरत है। कश्मीर घाटी का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है।
हालिया पंपोर एकाउंटर इसका साफ उदाहरण है। कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद से कोई भी सरकार नहीं है।
'मुसलमानों पर शक की वजह से खो देंगे कश्मीर'
वर्ष 2014 में जब से कश्मीर घाटी में चुनाव हुए हैं तब से ही यहां पर कुछ न कुछ हो रहा है। जनरल सुहाग ने सैन्य थिंक टैंक 'क्लॉज' द्वारा आयोजित एक सेमिनार में आईएसआईएस का भी जिक्र किया है।
आपको बता दें कि जनरल सुहाग ने जब यह बयान दिया उसी समय घाटी में जैश के एक फिदायीन आतंकी को एजेंसियों ने पकड़ा है। आगे की स्लाइड्स पर नजर डालिए कि आखिर क्यों अब जेएनयू की जगह कश्मीर के बारे में सोचने का समय आ गया है।
क्या कहा सुहाग ने
जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने सेमिनार में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन को पाकिस्तान की सेना की ओर से ‘खुला समर्थन' मिल रहा है। सुहाग ने साफ कहा कि पंपोर जैसी घटनाओं को सिर्फ क्षेत्रीय हिंसा कहकर खारिज नहीं किया जा सकता है।
लश्कर और जैश कश्मीर में सक्रिय
जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर नई दिशा में काम शुरू हुआ है तब से ही लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने फिर से कश्मीर का एजेंडा आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है।
आतंकियों को स्थानीय लोगों का समर्थन
पंपोर में एनकाउंटर के समय स्थानीय लोगों ने न सिर्फ आतंकियों के समर्थन में नारे लगाए बल्कि उन्होंने इन आतंकियों के अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया। आतंकियों के समर्थन में अब कश्मीर में लोगों का हुजूम उमड़ने लगता है। यह बात निश्चित तौर पर परेशान करने वाली है।
लश्कर को मिला कश्मीर में नया मुखिया
पिछले वर्ष इंडियन आर्मी ने एक एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर कमांडर अबु कासिम को मार गिराया था। इसके बाद लश्कर ने यहां पर अपना एक नया कमांडर तैनात कर दिया है। अब लश्कर का यह कमांडर नए प्लान के साथ फिर से घाटी में तबाही मचाने की कोशिशों में लगा है।
पाक से आते आतंकी, युवाओं को मिलते हथियार
घाटी में इस समय सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ लगातार जारी है। आतंकी पहले बॉर्डर क्रॉस करके घाटी में दाखिल होते हैं और फिर वे यहां के युवाओं को हथियार देते हैं। साथ ही उन्हें भारत के खिलाफ भड़का पाक में ट्रेंनिंग के लिए भी भेजने की कोशिशों को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
जैश और लश्कर आए साथ
पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद यह साफ हो चुका है कि कश्मीर के मुद्दे पर अब लश्कर-ए-तैयबा को जैश-ए-मोहम्मद का साथ मिलने लगा है। जैश के हर प्लान को लश्कर और लश्कर के हर प्लान को जैश समर्थन दे रहा है।
कश्मीर के लोगों को मिला हीरो 'अफजल'
एक विशेषज्ञ के मुताबिक 90 के दशक में कश्मीर में आतंकियों ने मकबूल भट्ट का नाम लेकर तबाही मचानी शुरू कर दी थी। अब उन्हें अफजल गुरु के तौर पर एक हीरो मिल चुका है जिसने दो दशकों तक खाली पड़े स्थान को भरने का काम किया है।
कश्मीर और आईएसआईएस
जनरल सुहाग ने आईएसआईएस का भी नाम लिया है। उन्होंने कहा है कि आईएसआईएस के सोशल मीडिया फैल रहे प्रभाव ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अगर आपको याद हो तो घाटी में अब युवाओं को आईएसआईएस झंडे के साथ प्रदर्शन करना आम बात बन गई है।