क्या आपको पता है उन विभागों की अहमियत जो मोदी ने अपने पास रखे
नई दिल्ली। गुरुवार को शपथ ग्रहण के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के विभागों को बंटवारा भी कर दिया गया। जहां पीएम मोदी ने पिछली टीम से अलग इस नई टीम में कुछ नए लोगों का मौका दिया तो वहीं उन्होंने कुछ विभाग अपने पास रखे हैं। पीएम मोदी ने परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग जैसे डिपार्टमेंट्स अपने पास रखने का फैसला किया है। पीएम के पास जो विभाग हैं, वह अगले कुछ वर्षों तक देश के लिए काफी अहम साबित होने वाले हैं। जानिए क्या है देश का एटॉमिक एनर्जी या परमाणु ऊर्जा विभाग और क्यों पीएम ने इसे अपने पास रखा है।
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ट्रांसफर का अधिकार पीएम मोदी के पास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पीएमओ, कार्मिक मंत्रालय जिसके तहत ट्रांसफर और पोस्टिंग आती हैं, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय, एटॉमिक एनर्जी मंत्रालय, अंतरिक्ष मंत्रालय, नीति से जुड़े सभी मुद्दों के अलावा वे सभी विभाग हैं जो अभी तक किसी को नहीं सौंपे गए हैं। पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में गृह मंत्रालय अपने करीबी अमित शाह को दिया है तो रक्षा मंत्री का विभाग राजनाथ सिंह को गया। वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण को तो विदेश मंत्रालय पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को मिला है। जयशंकर की एंट्री राजनीतिक पंडितों के लिए चौंकाने वाली थी।
अंतरिक्ष विभाग का अहम मिशन चंद्रयान-2
पीएम मोदी ने जिन विभागों को अपने पास रखा है वे बेहद अहम हैं उनमें अंतरिक्ष मंत्रालय और इस वर्ष इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। इसकी निगरानी पीएम मोदी खुद करेंगे। जो बात सबसे अहम है वह है इस मंत्रालय के तहत ही इंडियन स्पेस एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) का आना। इसरो 16 जुलाई को अपने चंद्रयान-2 मिशन को लॉन्च करेगा। इसरो के इस मिशन पर न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं। इसके अलावा इस वर्ष इसरो को पांच मिलिट्री सैटेलाइट्स लॉन्च करने हैं जिनमें से एक 22 मई को लॉन्च हो चुका है।
एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट भी पीएम मोदी के पास
डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई) 3 अगस्त 1954 को अस्तित्व में आया और तब से ही प्रधानमंत्री को इसका सीधा जिम्मा सौंपा गया। इस विभाग की शुरुआत राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद हुई थी। एटॉमिक एनर्जी या परमाणु ऊर्जा विभाग के पास देश की परमाणु क्षमता से जुड़ी टेक्नोलॉजी के अलावा कृषि, मेडिसिन और उद्योग जैसे क्षेत्रों में रेडिएशन टेक्नोलॉजी के प्रयोग से जुड़ी रिसर्च को अंजाम देने की जिम्मेदारी होती है। डीएई के तहत पांच रिसर्च सेंटर, तीन औद्योगिक संगठन, पांच पब्लिक सेक्टर्स की ईकाईयों के अलावा तीन सेवा संगठन आते हैं।
NSG में भारत की एंट्री पीएम मोदी का बड़ा चैलेंज
भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में हुए आईएईए सम्मेलन के दौरान जब एटॉमिक एनर्जी कमीशन के नए चेयरमैन के तौर पर कमलेश नीलकंठ व्यास को चार्ज सौंपा तो दुनिया भर में उसकी चर्चा हुई थी। यह पहला मौका था जब डिपार्टमेंट का चार्ज विदेशी धरती में सौंपा गया था। पीएम मोदी पर इस वर्ष भारत को एनएसजी में एंट्री दिलाने की भी जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा इस तरफ भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं कि भारत में परमाणु ऊर्जा पर आधारित बिजली सप्लाई का जो वादा सरकार ने पहले कार्यकाल में किया था, उस पर किस दिशा में काम होगा।