सोशल: 'कश्मीर में फौज से हमदर्दी और तेज बहादुर पर मौन'
बीएसएफ़ जवान तेज बहादुर को नौकरी से निकालने के मुद्दे पर सोशल मीडिया में चर्चा.
फ़ेसबुक पर वीडियो पोस्ट करके ख़राब खाने की शिकायत करने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर यादव को नौकरी से निकाल दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग खुलकर अपनी राय रख रहे हैं. ट्विटर पर #Justice4TejBahadur यानी तेजबहादुर को इंसाफ़ मिले टॉपिक लगातार ट्रेंड कर रहा है.
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इस साल की शुरुआत में तेज बहादुर यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सीमा पर तैनात जवानों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था. उनकी ये पोस्ट वायरल हो गई थी.
उसके बाद तेज बहादुर यादव के खिलाफ बीएसएफ़ (सीमा सुरक्षा बल) का अनुशासन तोड़ने के लिए जांच शुरू की गई थी. बीएसएफ ने जांच के बाद तेज बहादुर यादव को नौकरी से निकालने का फैसला किया है.
इस फ़ैसले के बाद तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला यादव ने फ़ेसबुक पर लिखा, "हम दुखी नहीं है बल्कि हमें ख़ुशी इस बात की है कि वो सही सलामत घर आ रहे हैं. हम धन्यवाद करते हैं बीएसएफ़ का जिन्होंने इतनी सहानुभूति से तेज बहादुर का कोर्ट मार्शल किया. वो देश के सच्चे सिपाही हैं जिन्होंने जवानों के लिए कुछ किया. देश को उनको हमेशा याद रखेगा. जय हिंद."
शर्मिला के फ़ेसबुक पेज पर संजय यादव नाम के उनके फ़ॉलोअर लिखते हैं, "बीएसएफ़ अधिकारियों और भारत सरकार का बहुत दुःखद फैसला है जिन्होंने तेज बहादुर जी जैसे ईमानदार, देशभक्त इंसान के प्रति ये फैसला लिया है. हमें गर्व है ऐसे सच्चे वीर पुरुष पर"
@sandeepsingh844 ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "एक और व्हिसलब्लोअर को सज़ा दी गई और हमारे पीएम कहते हैं कि हर भारतीय वीआईपी है."
@EarthyyMermaid ट्वीट करती हैं, "ओ बहादुर क्यों खोली तूने आवाज बहरी है ये सरकार."
@Rigged_EVM के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, "शहीद दिवस पर बस फूलों की बारिश करो और जवानों को खाना मत दो."
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल @INCIndia से लिखा, "दुख की बात है तेज बहादुर को इंसाफ नहीं मिला."
@MehekF लिखती हैं, "कश्मीर में सेना के हालात पर तो भक्त ख़ूब रोना रोते हैं और यहां अपने लिए अच्छे खाने की मांग करने वाले सिपाही को हटा दिया जाता है तो सब मौन हैं."
ऐसा नहीं है कि सभी लोग तेज बहादुर के साथ ही हैं. उन्हें ट्विटर पर विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है.
@KVanaik ने लिखा, "मैं तेज बहादुर जी का सपोर्ट तो करता हूं लेकिन उन्हें इस तरह से हमारी फ़ौज की इमेज ख़राब नहीं करनी चाहिए थी."
@iamvshukla ने लिखा, "तेज बहादुर जी थे तो जवान लेकिन उनके फ़ेसबुक पोस्ट देखिए. पक्के राजनेता की तरह."
@Lt_Anaya लिखते हैं, "जो भी तेज बहादुर के लिए न्याय मांग रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि उन्होंने सैन्य बलों के कोड ऑफ़ कंडक्ट को तोड़ा है. बेवजह सरकार को इसके लिए ज़िम्मेदार ना ठहराएं."