क्यों कोई नहीं रहता गोपाल कांडा की कोठी में?
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। लाख कोशिशें करने के बाद हालिया विधानसभा चुनाव हार गए आरोपी गोपाल कांडा की चंडीगढ़ के सेक्टर-18 की कोठी नंबर-512 में रहने के लिए नई हरिय़ाणा सरकार का कोई भी मंत्री तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, राज्य के किसी भी मंत्री ने कांडा की कोठी को लेना स्वीकार नहीं किया हुड्डा सरकार के दौरान प्रदेश के गृह राज्य मंत्री रहे गोपाल कांडा उक्त कोठी मिली हुई थी।
सुसाइड केस के आरोपी
सनद रहे कि कांडा का नाम दिल्ली की एयर होस्टस गीतिका शर्मा सुसाइड मामले में आने के बाद कोठी में कोई जाने को तैयार ही नहीं। कांडा को दिल्ली पुलिस ने गीतिका शर्मा सुसाइड केस में मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था।
जानकारों ने बताया कि हरिय़ाणा में नई सरकार बनने के बाद किसी भी नये मंत्री ने उस भव्य कोठी को नहीं लिया,जो कांडा को मिली हुई थी। सबको इस कोठी में मनहूसियत नजर आ रही है। बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से खाली कोठियों की दी गई सूची में सेक्टर-18 की कोठी नंबर-512 भी दर्ज थी। जब नए मंत्रियों को इस कोठी के कांडा से संबंध के बारे में मालूम चला तो किसी ने भी इसमें की इच्छा नहीं जताई।
कहने वाले कह रहे हैं कि बंसीलाल सरकार में भी एक कैबिनेट मंत्री के पास यह कोठी थी और उन पर भी आपराधिक केस दर्ज हुआ था। हालांकि एक दौर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई बरसों तक इस कोठी में रह चुके हैं।
जानकारों ने बताया कि इसके साथ ही चंडीगढ़ के सेक्टर-7 की कोठी नंबर-78 में भी कोई नया मंत्री नहीं गया। दरअसल, यह कोठी हुड्डा सरकार में परिवहन मंत्री रहे आफताब अहमद के पास थी। आफताब चुनाव हार गए। बहरहाल, यह देखने वाली बात है कि क्या उस कोठी में कभी कोई रहने के लिए तैयार होगा जिसमें कभी कांडा रहते थे।