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क्यों लिया मोदी सरकार ने पाक से बातचीत रद्द करने का कड़ा फैसला?

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नयी दिल्ली। भारत और पकिस्तान के बीच तनाव का माहौल आज का मामला नहीं है, लेकिन पहली बार देश की सरकार ने सोमवार को एक कड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान के साथ होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत रद्द कर दी। नरेन्द्र मोदी सरकार के इस सख्त फैसले के पीछे की वजह पाक उच्चायुक्त के कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात को बताया जा रहा है, लेकिन ये मुलाकातें नई बात नहीं हैं।

जब भी भारत-पाक वार्ता होती है, उससे पहले इस तरह की मुलाकातें होती हैं। कश्मीर के अलगाववादी नेता पाकिस्तान के उच्चायुक्त से मिलते है, ऐसे में मोदी सरकार ने अब यह फैसला क्यों लिया? हुर्रियत नेताओं की इस तरह की बैठकें अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के वक्त में भी हुई हैं तो इस बार इतनी हायतौबा क्यों मचाई जा रही है?'

पाक को कड़ा जवाब

पाक को कड़ा जवाब

मोदी सरकार से सख्त रवैया अपनाते हुए पाक से साथ सचिव स्तर की बातचीत को रद्द कर पाकिस्तान को कड़ा संकेत दिया है। मोदी के इस फैसले से साबित कर दिया है कि वो सख्त है। वो पिछली सरकारों की तरह नरमी नहीं बरतना चाहते हैं। मोदी सरकार उन बातों पर सहानुभूति दिखाने के मूड में नहीं है। इस तरह की बैठकों पर पिछली सरकारें चुप्पी साध जाती थीं।

मोदी ने लिया सख्त फैसला

मोदी ने लिया सख्त फैसला

भारत सरकार के इस कड़े कदम एक वजह ये भी मानी जा रही है कि आने वाले वक्त जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार आंतरिक हिंसा को कम से कम स्तर पर रखना चाहती है और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए हर संभव सख्ती अपना सकती है।

हुर्रियत नेताओं को दिए संकेत

हुर्रियत नेताओं को दिए संकेत

रक्षा सूत्र मानते है कि पाक के साथ बातचीत रद्द करने के पीछे हुर्रियत नेताओं का पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलना इस बात का संकेत होता है कि चुनाव के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन होंगे। सरकार को लगा कि आने वाले चुनाव काफी हिंसक हो सकते हैं। पाकिस्तान की ओर से इस हिंसा को बढ़वा मिलना तय है। ऐसे में पाक को सख्त रुप दिखाना जरुरी था।

पाक के अंदरुनी हालत ठीक नहीं

पाक के अंदरुनी हालत ठीक नहीं

पाकिस्तान के अंदरूनी हालात ठीक नहीं है। विपक्षी नेता इमरान खान और कनाडा से आए मौलाना ताहिर उल कादरी के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों से नवाज सरकार काफी कमजोर हुई है।

 पाक सेना में असंतोष

पाक सेना में असंतोष

पाक में फैले असंतोष से संकेत मिल रहे हैं कि नवाज सरकार से नाराज चल रही पाक सेना इन प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में नवाज सरकार के भविष्य पर संदेह के गहरे बादल देखे जा सकते हैं।

फोन पर दी थी चेतावनी

फोन पर दी थी चेतावनी

पाकिस्तान उच्चायुक्त द्वारा कश्मीर के हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के लिए बुलाए जाने के बाद भारती की विदेश सचिव सुजाता सिंह ने फोन पर पाक उच्चयुक्त को चेतावनी देते हुए कहा कि वो भारत के अलगाववादी नेताओं से बात ना करें, लेकिन पाक ने उनकी चेतावनी की अनदेखी की।

सीजफायर का होता रहा उल्लंघन

सीजफायर का होता रहा उल्लंघन

पाकिस्तान की ओर से लगातार भारत-पाक सीमा पर फायरिंग होती रही है। इस साल 50 बार पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लघंन किया है। भारत की ओर से चेताए जाने के बाद पाकिस्तान भारत पर दोषारोपण करता रहा हैं।

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English summary
Sending a serious warning to the neighbouring country, Narendra Modi government on Monday announced that India would not continue bilateral talks with Pakistan.
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