म्यांमार बॉर्डर पर सैन्य कार्रवाई क्यों नहीं है सर्जिकल स्ट्राइक, जानिए INSIDE STORY
म्यांमार बॉर्डर पर किसी तरह का कोई तनाव नहीं है। उग्रवाद के मसले को छोड़ दिया जाए तो भारत और म्यांमार के बीच सबकुछ ठीक ठाक है
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने बुधवार को म्यांमार सीमा पर बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। म्यांमार बॉर्डर से 10-12 किलोमीटर दूर नगा इलाके में लांगखू गांव में उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई आतंकियों को मार गिराया। जिसके बाद से चर्चा होने लगी की भारतीय सेना ने एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की है लेकिन भारतीय सेना इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक कहने से बच रही है। इसके पीछे कई वजहें सामने आई हैं।
सेना ने सीमा पर की है कार्रवाई
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि जो म्यांमार बॉर्डर पर कार्रवाई हुई है वो एक सैन्य कार्रवाई है ना कि सर्जिकल स्ट्राइक। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि यह ऑपरेशन भारतीय सीमा पर हुआ। भारतीय जवानों ने इंटरनेशनल सीमा पार नहीं की थी। भारतीय जवानों ने अपनी सीमा में रहकर उग्रवादियों को नेस्तनाबूत किया।
कहीं नाराज ना हो जाए म्यांमार
दूसरी वजह ये है कि म्यांमार भारत का मित्र देश है। म्यांमार बॉर्डर पर किसी तरह का कोई तनाव नहीं है। उग्रवाद के मसले को छोड़ दिया जाए तो भारत और म्यांमार के बीच सबकुछ ठीक ठाक है। ऐसे में भारत नहीं चाहता कि इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया जाए क्योंकि इससे म्यांमार नाराज भी हो सकता है।
ऐसे होती है सर्जिकल स्ट्राइक
इससे पहले सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने बड़ा ऐक्शन लिया था। इंडियन आर्मी ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के नजदीक पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके कई आतंकवादियों को मार गिराया था। आपको बता दें कि किसी भी सीमित क्षेत्र में सेना जब दुश्मनों और आतंकियों को नुकसान पहुंचाने और उन्हें मार गिराने के लिए सैन्य कार्रवाई करती है तो उसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक रणनीति बनाकर की जाती है लेकिन म्यांमार के खिलाफ कार्रवाई में सबकुछ ऐसा नहीं हुआ है इसलिए भारतीय सेना ने इसे सर्जिकल स्ट्राइक करार नही दिया है।
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